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उन्नाव। आपसी मनमुटाव के चलते पति पत्नी अक्सर जिंदगी के ऐसे मोड़ पर खड़े हो जाते है जहां दोनों एक दूसरे के साथ पूरा जीवन तो क्या एक मिनट भी रहना पसन्द नहीं करते और घर परिवार भी उन्हें अलग करने के लिए राजी हो जाते है। ऐसे में परिवार परामर्श केंद्र उनकी काउंसलिंग करके उनके बीच की गलतफहमियो, मनमुटाव व समस्याओ को सुनकर पुनः उनके घर को बसाने का प्रयास करता है।
प्रत्येक सप्ताह की भांति आज थानों की महिला हेल्पडेस्क व पुलिस लाइन स्थित परिवार परामर्श केन्द्र में पति-पत्नी के विवादित कई जोड़ों को बुलाया गया तथा परिवार परामर्शदाताओं की सहायता से महिला हेल्पडेस्क पर नियुक्त महिला आरक्षियों द्वारा उपस्थित जोड़ों की समस्याओं को सुना गया। परामर्शदाताओं एवं महिला आरक्षियों द्वारा समस्याओं का काउंसलिंग के द्वारा निवारण करने का प्रयास करते हुए सभी जोड़ों की आपस में परस्पर वार्ता करायी गई तथा उनके परिजनों से भी बातचीत कर उनकी समस्याओं के सभी पहलुओं को समझा गया एवं उनके निराकरण के प्रयास किये गये।
महिला हेल्पडेस्क के अथक प्रयास रंग लाये तथा कुल 32 पति-पत्नी के विवादित जोड़े साथ रहने हेतु राजी हुए, जिसमें परिवार परामर्श केन्द्र से 7, महिला थाना से 10, थाना अजगैन व थाना दही से 3-3, थाना मौरावां, थाना सोहरामऊ व थाना बांगरमऊ से 2-2, थाना गंगाघाट, थाना कोतवाली सदर व थाना पुरवा से 1-1 जोड़े की सकुशल विदाई की गई।
जोड़ी बनाकर तो ऊपरवाला भेजता है लेकिन यहां धरती पर जोड़ी टूटने से बचाने का प्रयास परिवार परामर्श केंद्र करता है। परिवार परामर्शदाताओं में डॉ. आशीष श्रीवास्तव प्रभारी परिवार परामर्श केन्द्र समिति, अबरार हुसैन, राम शंकर वर्मा, प्रभा यादव, राजेन्द्र सिंह, नीना दीक्षित, डा. एसके पाण्डेय, डा. शशि रंजना अग्निहोत्री, डा. सगीर अहमद एवं अबसार अली खान, सहयोगी अंकित रघुवंशी एवं परिवार परामर्श केन्द्र से निरीक्षक प्रेमलता दीक्षित व उनकी टीम व पुष्पा सिंह महिला थानाध्यक्ष एवं महिला हेल्पडेस्क्स पर नियुक्त महिला आरक्षियों का योगदान सराहनीय रहता है। ये लोग प्रत्येक सप्ताह इसी तरह दर्जनों जोड़ो को समझा बुझाकर एक दूसरे के साथ भेजने का प्रयास करते है।
Admin4
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