उत्तर प्रदेश

जांच में असुरक्षित पाये गए यूपी के 25 पुल, सबसे ज्यादा मेरठ में

Shantanu Roy
12 Nov 2022 9:42 AM GMT
जांच में असुरक्षित पाये गए यूपी के 25 पुल, सबसे ज्यादा मेरठ में
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लखनऊ। गुजरात में मोरबी में केबल ब्रिज टूटने की दुर्घटना के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर लोक निर्माण विभाग ने प्रदेशव्यापी जांच में प्रदेश में 25 सेतु असुरक्षित पाये गए हैं। लोक निर्माण विभाग ने प्रदेश के 5283 सेतुओं की मजबूती की जांच की। इनमें 4945 निर्मित पक्के सेतु, 294 निर्माणाधीन पक्के सेतु और 44 पान्टून पुल शामिल हैं। लोक निर्माण विभाग जांच में 25 सेतु असुरक्षित पाये गए हैं। असुरक्षित पाये गए सेतुओं में सात मेरठ, चार चंदौली, दो-दो मीरजापुर, प्रतापगढ़ व मीरजापुर तथा एक-एक आगरा, वाराणसी, जौनपुर, शाहजहांपुर, बरेली और मुरादाबाद जिले में हैं। आगरा क्षेत्र के 418 सेतुओं में से खेरिया एयरपोर्ट सेतु की बियरिंग और ज्वाइंट्स बदलने की आवश्यकता बताई गई है। लखनऊ क्षेत्र के 260 में रायबरेली में दो सेतु सुरक्षित नहीं बताये गए हैं जिनके स्थान पर नये सेतुओं के निर्माण का एस्टीमेट भेजा गया है। वाराणसी क्षेत्र के 262 में छह सेतुओं की मरम्मत की जरूरत है। मीरजापुर ने सिंचाई विभाग के स्वामित्व वाले गंगा नहर पुल और इमिलिया चट्टी कैनाल ब्रिज के स्लैब को क्षतिग्रस्त बताया है। क्षेत्र के कुछ सेतुओं की पैरापेट व विंग वाल टूटी हैं जिनकी मरम्मत की जरूरत है। मीरजापुर क्षेत्र के 261 में से 259 सेतु मजबूत हैं।
प्रयागराज क्षेत्र के 290 सेतु में प्रतापगढ़ में लालगंज-कालाकांकर मार्ग के किमी-34 और मानिकपुर सहजनी संपर्क मार्ग के किमी-5 पर स्थित सेतुओं के स्लैब के नीचे छड़ें दिखाई देने पर उसकी मरम्मत कराने को कहा गया है। कानपुर क्षेत्र के 363 में से कानपुर नगर के पुराने गंगा पुल के ऊपरी और निचले डेक मार्ग यातायात के लिए पहले से बंद हैं। इन सेतुओं के पुनर्निर्माण के लिए सेतु निगम की ओर से कार्यवाही की जा रही है। मेरठ क्षेत्र के 396 में से पांच सेतुओं को यातायात के लिए असुरक्षित घोषित करते हुए उन पर चेतावनी का बोर्ड लगाने के अलावा दो क्षतिग्रस्त लघु सेतुओं के स्थान पर नए लघु सेतुओं के निर्माण का एस्टीमेट भेजा गया है। बरेली क्षेत्र के 270 में परसाखेड़ा रेल उपरिगामी सेतु की हालत को यातायात की दृष्टि से असंतोषजनक बताया गया है। शाहजहांपुर में कोलाघाट सेतु पर यातायात खोलने के लिए सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट से अनापत्ति प्रमाणपत्र मांगा गया है। मुरादाबाद क्षेत्र के 376 सेतु में मुरादाबाद-फर्रुखाबाद मार्ग पर स्थित सेतु भी यातायात के लिहाज से असुरक्षित पाया गया है। आजमगढ़ क्षेत्र के 92, गोरखपुर क्षेत्र के 447, बस्ती क्षेत्र के 239, अयोध्या क्षेत्र के 277, देवीपाटन क्षेत्र के 438, झांसी क्षेत्र के 28, चित्रकूट धाम क्षेत्र के 124, सहारनुपर क्षेत्र के 381 और अलीगढ़ क्षेत्र के 361 सेतु संरचनात्मक दृष्टि से सुरक्षित पाये गए हैं। यद्यपि इन क्षेत्रों के कुछ सेतुओं में साधारण मरम्मत की जरूरत बताई गई है।
सेतुओं की मरम्मत के लिए मांग रहे प्रस्ताव
लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता (सेतु) अशोक कुमार अग्रवाल ने कहा कि असुरक्षित सेतुओं की मरम्मत के लिए प्रस्ताव मांगे गए हैं। 40 लाख रुपये तक के प्रस्ताव मुख्यालय स्तर से और इससे ज्यादा के प्रस्ताव शासन द्वारा मंजूर किये जाते हैं। हमने बरेली में परसापुर आरओबी की मरम्मत के लिए 4.88 करोड़ रुपये तथा मुरादाबाद-फर्रुखाबाद मार्ग पर स्थित सेतु को दुरुस्त करने के लिए 1.01 करोड़ रुपये के प्रस्ताव शासन को मंजूरी के लिए भेजे गए हैं। इन्हें जल्द मंजूरी मिलने की उम्मीद है।
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