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कश्मीर में टारगेट किलिंग के शिकार हुए यूपी के 2 मजदूर, परिवार के लिए रोजी-रोटी कमाने गए थे परदेस
कुशीनगर। जम्मू कश्मीर के अनंतनाग के राख-मोमिन इलाके में गोलीबारी कर प्रवासी मजदूरों को फिर से निशाना बनाया गया। इस बार आतंकियों के निशानों पर कुशीनगर के दो मजदूर रहे, जिन्हें गोली मारी गई। फिलहाल दोनों मजदूर घायल हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया और अब उनका वहां इलाज चल रहा है। दोनों अपने परिवार के एकमात्र कमाऊ सदस्य हैं जिनके ऊपर परिवार की जिम्मेदारी हैं। अब उनके घायल होने की सूचना से गरीब परिवार के पास रोने के अलावा दूसरा कोई रास्ता नहीं है। बता दें कि दोनों घायल मजदूर में छोटू और गोबिंद यूपी के कुशीनगर के कसया थाना क्षेत्र के धुरिया गांव के ही रहने वाले हैं। इन दोनों मजदूरों की गलती सिर्फ इतनी थी कि यह अपने परिवार के लिए रोजी रोटी कमाने बाहर गए थे।
जानकारी मुताबिक जम्मू-कश्मीर से टारगेट किलिंग का मामला सामने आया। इस बार घाटी में टारगेट किलिंग के मामले में कुशीनगर के दो मुसहर परिवार की खुशियां ही दाव पर है। क्योंकि वहां के टारगेट किलिंग में घायलों में दोनो मजदूर कुशीनगर जिले के अपने गांव से रोजी रोटी की तलाश में इसी साल मार्च महीने में गए थे। दोनों मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण कर रहे थे। दोनों मजदूर मुसहर समुदाय के है जो यूपी में बेहद गरीब जाति मानी जाती है। छोटू कुशीनगर के ही पुरैनी गांव के रहने वाले है जो धुरिया अपने ससुराल में अपने परिवार के साथ कई सालों से रहते है।
धुरिया गांव के ही गोबिंद भी इसी गांव के है जो परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक करने के लिए अपना परिवार छोड़ जम्मू कश्मीर गए थे। दोनों मजदूरों के भेजे हुए पैसे से दोनों परिवारों के घर का चूल्हा जलता था। दोनों परिवारों की आर्थिक हालत बेहद खराब है। पक्के मकान की जगह झोपड़ी में परिवार जीवन गुजर बसर कर रहा। घर के एक मात्र कमाऊ के घायल होने ने परिवार को बेबस बना दिया। घर के आगे अब रोजी रोटी का संकट है। उनके घायल होने की सूचना के बाद दोनों की पत्नियों का रो रोकर बुरा हाल है। जबकि बच्चे पिता की राह ताक रहे हैं, गांव में गम का माहौल है। अब परिवार को सरकार से उमीद है कि वह उनकी मदद करेंगे। जबकि योगी सरकार में मुसहरों को बेहतर जीवन बसर के लिए तमाम योजनाएं हैं ऐसे में परिवार को सरकार कुछ मदद करे यह उम्मीद परिवार लगाए बैठे हैं।
वहीं घायल गोबिंद की पत्नी माया ने बताया कि उनके पति परिवार के एकमात्र सहारा है और कमाने के लिए कश्मीर होली पर गए थे। गांव के ही देवर ने उन्हें बताया कि उनके पति को वहां गोली लगी है। अब उनको कुछ नहीं सूझ रहा कि क्या करे और क्या ना करे, वहीं दूसरी तरफ उसके पति की हालत बेहद चिंताजनक है। घायल छोटू की पत्नी संगीता बताती है कि उनकी शादी के बाद पिता और भाई दोनों की मौत हो गई। जिसके बाद वह अपने पति के साथ मां के पास आ गई। इनकी बिटिया ही है, वह अपनी बेबस मां के साथ अपने माईके में रहती है। पति छोटू कश्मीर फाल्गुन मास में गया था। उनकी मेहनत से ही परिवार पलता पर अब वह भी घायल हो गए है। हमें काफी डर लग रहा क्योंकि उन्हीं के सहारे हमारे परिवार का चूल्हा जलता। अगर उन्हें कुछ हो गया तो हम लोगों का क्या होगा।