उत्तर प्रदेश

अब तक 179 की मौत, किसी का सुहाग तो किसी का उजड़ रहा चिराग

Admin4
22 Aug 2022 3:44 PM GMT
अब तक 179 की मौत, किसी का सुहाग तो किसी का उजड़ रहा चिराग
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न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला

यूपी के इस जिले में हादसों का कहर बरप रहा है। यहां सात माह में सड़क हादसों में 179 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 294 लोग घायल हुए हैं।

सहारनपुर जिले में सड़क हादसे मौत बनकर कहर बरपा रहे हैं। हादसों में किसी का सुहाग उजड़ रहा है तो किसी के घर का चिराग बुझ रहा है। बीते आठ दिनों में चार जानलेवा सड़क हादसे हुए हैं। इनमें मिर्जापुर क्षेत्र में ट्रक और मारुति वैन की टक्कर में एक ही परिवार की छह लोगों की मौत हो गई। इस हादसे में आदिल का पूरा परिवार ही खत्म हो गया। इसी तरह पूर्व में हुए हादसों में चार लोगों की जान गई है। अमर उजाला अभियान चला कर नागरिकों को सचेत कर रहा है, ताकि यातायात के नियमों का पालन करते हुए सफर में सभी सुरक्षित रहे।

वर्ष 2022 में जनवरी से लेकर जुलाई तक 294 सड़क हादसे हुए हैं, जिनमें 179 मौत हुई, जबकि 294 लोग घायल हुए हैं। लगातार सड़क दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं। यातायात निमयों के प्रति जागरूक करने के बावजूद लोग जान जोखिम में डालकर सफर करते हैं। मरने वालों में 97 लोग ऐसे थे, जिन्होंने हेलमेट नहीं लगाया था, जबकि वर्ष में यातायात पुलिस द्वारा यातायात माह और संभागीय परिवहन विभाग द्वारा सड़क सुरक्षा सप्ताह के तहत लोगों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक किया जाता है। इसके बावजूद लोग अनदेखी करते हैं और नियमों का पालन नहीं करते थे, जो सड़क हादसों में मौत की वजह से बनती है।

हत्याओं से छह गुना है हादसों में मरने वालों की संख्या

सात माह में 22 हत्याएं हुई, जबकि 179 लोगों की सड़क हादसों में जान चली गई। हत्याओं से छह गुना अधिक सड़क हादसों में मरने वालों का ग्राफ है। लगातार सड़क दुर्घटनाएं बढ़ती जा रही हैं, जिनमें लोग अकाल मौत का शिकार हो रहे हैं।

सात माह में हुए प्रमुख सड़क हादसे

20 अगस्त को थाना मिर्जापुर क्षेत्र में शिवालिक पहाड़ियों में सेब से भरी पिकअप पलटने से चालक की मौत हो गई।

17 अगस्त को देवबंद-नानौता मार्ग पर जड़ौदापांडा निवासी बाइक सवार संदीप धीमान की अज्ञात वाहन की टक्कर से मौत हो गई।

16 अगस्त को तल्हेडी बुजुर्ग में ही सड़क पार करते समय मोंटी निवासी मनोहरपुर की पिकअप से कुचल कर मौत हो गई।

16 अगस्त को फतेहपुर थाना क्षेत्र के छुटमलपुर में सहारनपुर रोड बाइक की टक्कर से अज्ञात युवक की जान गई।

12 अगस्त को तल्हेड़ी बुजुर्ग में बाइक की टक्कर से चंदेना कोली निवासी 62 वर्षीय महिला की मौत हो गई।

09 अगस्त को रामपुर मनिहारान में गांव मनोहरा निवासी बाइक सवार कुलदीप की कार की टक्कर से मौत हो गई।

06 अगस्त को छुटमलपुर में देहरादून रोड पर खुजनावर निवासी बाइक सवार युवक की ट्रक के नीचे आने से मौत हुई।

05 अगस्त को टैंपू चालक संजू की छुटमलपुर में रुड़की रोड पर अज्ञात वाहन की टक्कर से जान गई।

19 जुलाई को नागल के गांव कुराली निवासी बाइक सवार विकास की बडुली रेलवे पुल के पास अज्ञात वाहन की टक्कर से मौत हो गई।

16 जुलाई को नागल में देवबंद-गागलहेड़ी स्टेट हाईवे पर गांव खजूर वाला के निकट अज्ञात वाहन ने राहगीर को कुचल दिया।

शवों की नहीं हो पाई थी शिनाख्त

03 जुलाई को बड़गांव थाना क्षेत्र में नानौता के भोजपुर निवासी बाइक सवार दो चचेरे भाइयों की कार से टक्कर के बाद मौत हो गई थी।

28 जून को शाकंभरी देवी रोड पर ट्रैक्टर से टकरा इनोवा सवार चालक कर्मवीर चुहडपुर कलां की मौत हो गई।

मई माह में देहरादून-अंबाला हाईवे पर हरोड़ा गांव के पास भिक्कनपुर निवासी बाइक सवार तीन युवक राहुल, दुष्यंत, विकास की अज्ञात वाहन की टक्कर से मौत हो गई।

एक अप्रैल को देहरादून-अंबाला हाईवे पर भाभरी गांव के निकट शामली के बाबरी क्षेत्र के हिरणवाडा गांव निवासी स्कूटर सवार राजबल और उनकी तीन साल की पोती मिंटू की ट्रक की टक्कर से मौत हो। इसी दिन भगवानपुर रोड पर बुडढाखेड़ा अहीर में मोहद्दीनपुर निवासी खुशनशीब की डीसीएम की टक्कर से मौत हो गई।

01 फरवरी को गागलहेड़ी क्षेत्र में हरिद्वार जा रहे परिवार की कार को पीछे से ट्रक ने टक्कर मार दी थी। इसमें जयभगवान निवासी बुधमाजरा यमुना नगर की मौत हो गई।

31 जनवरी को मुजफ्फरनगर हाईवे पर गांव भाभरी के निकट थाना चरथावल के गांव देहचंद निवासी बाइक सवार दीपक और अनिकेत की अज्ञात वाहन की टक्कर से जान गई।

20 जनवरी को चिलकाना रोड पर बाइकों की भिड़ंत में एक किशोर और युवक की मौत हुई थी।

हादसों से बचने को रखें इन बातों का ध्यान

दुपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट जरूर लगाए

दुपहिया वाहनों पर तीन सवारी न बैठाएं

वाहनों को तेज रफ्तार से न दौड़ा

शराब पीकर वाहन न चलाएं

कार में सीट बेल्ट का जरूर प्रयोग करें

वाहनों को ओवरटेक न करें

तेज रफ्तार से वाहन को न दौड़ाएं

सड़क हादसों पर अंकुश लगाने के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इसके साथ ही यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर पुलिस की ओर चालान भी किया जाता है। नागरिकों को भी चाहिए कि वह नियमों का पालन करें। ताकि सड़क हादसों से बचा जा सके।

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