राज्य

राष्ट्रीय सुरक्षा के सामने इस्लामिक और वामपंथी उग्रवाद का खतरा गहरा गया

Teja
8 Aug 2023 6:53 PM GMT
राष्ट्रीय सुरक्षा के सामने इस्लामिक और वामपंथी उग्रवाद का खतरा गहरा गया
x

अपनीबात : पिछले दिनों बिहार के मधुबनी जिले के रहने वाले मो. एहतेशाम को दिल्ली एयरपोर्ट पर पकड़ा गया। वह अफगानिस्तान भागने की तैयारी में था। प्रतिबंधित आतंकी संगठन पीएफआइ (पापुलर फ्रंट आफ इंडिया) के सदस्य याकूब खान को भी बिहार के पूर्वी चंपारण के एक मदरसे से गिरफ्तार किया गया था। गत वर्ष जब पीएफआइ से संबंधित समाचार आ रहे थे तो उसमें पटना हवाई अड्डा से सटे फुलवारी शरीफ के अलावा पूर्वी चंपारण और पूर्णिया का भी नाम आया था। पूर्णिया जिला पीएफआइ का मुख्यालय था तो पूर्वी चंपारण उसका ट्रेनिंग सेंटर। 27 अक्टूबर, 2013 को नरेन्द्र मोदी के पटना आगमन पर गांधी मैदान में हुए विस्फोट के कारण केंद्रीय एजेंसिया सतर्क थीं। परिणामस्वरूप वर्ष 2022 में प्रधानमंत्री मोदी जब बिहार आए तो उससे एक दिन पूर्व एनआइए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) ने फुलवारी शरीफ से जलालुद्दीन और अतहर परवेज को गिरफ्तार कर लिया। शिक्षा के नाम पर ये दोनों युवाओं को जिहाद की ओर धकेल रहे थे। इसी प्रकार वर्ष 2016 में जाकिर नाइक और असदुद्दीन ओवैसी के समर्थन में पीएफआइ ने पटना में एक जुलूस निकाला था जिसमें पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाए गए। वर्ष 2021 में त्रिपुरा की घटना को लेकर भी फुलवारी शरीफ में एसडीपीआइ (सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी आफ इंडिया) के आह्वान पर एक अराजक जुलूस निकाला गया था ‘आतंकवादियों का बिहारी लिंक’ सदा से चर्चा में रहा है। देश में घटी तमाम आतंकी घटनाओं के तार बिहार से जुड़ते रहे हैं। फुलवारी शरीफ घटना में गिरफ्तार अतहर परवेज ने एनआइए के पूछने पर यह स्वीकार किया था कि अपनी गिरफ्तारी से चार-पांच महीने पूर्व वह एटीएस आफिस गया था तथा एटीएस के दो पदाधिकारी उसके संपर्क में थे। बिहार पुलिस ने इस समाचार का न तो खंडन किया और न ही यह बताया कि वे दो पदाधिकारी कौन थे। वर्ष 2006 में मुंबई एटीएस ने मुंबई ट्रेन विस्फोट में मधुबनी के मो. कलाम और खालिद शेख को गिरफ्तार किया था।

Next Story