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हैदराबाद: पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के तहत आने वाली विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति ने गुजरात में रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के हजीरा विनिर्माण प्रखंड के 10,000 करोड़ रुपये की विस्तार एवं अवरोधकों को दूर करने (डिबॉटलनैकिंग) की योजना के लिए पर्यावरण मंजूरी देने की अनुशंसा की है.
'डिबॉटलनैकिंग' के तहत प्रक्रियाओं को बेहतर बनाकर और उपकरणों की मरम्मत के जरिए मौजूदा संयंत्रों एवं उपकरणों से ही उत्पादन बढ़ाया जाता है. विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति (ईएसी) ने दस अक्टूबर को हुई बैठक के बाद कहा कि व्यापक विचार विमर्श के बाद ईएसी परियोजना के लिए पर्यावरण मंजूरी देने की सिफारिश करती है.
परियोजना के बाद प्रति वर्ष 47 करोड़ रुपये होगी:
मुकेश अंबानी की कंपनी का हजीरा संयंत्र 1991-92 में शुरू हुआ था. इसमें मोनोएथिलीन ग्लाइकोल, विनाइल क्लोराइड मोनोमर, पॉली विनाइल क्लोराइड और हाई डेंसिटी पॉलीएथिलीन का विनिर्माण होता है. बैठक के ब्यौरे में कहा गया कि परियोजना की अनुमानित लागत 10,000 करोड़ रुपये है. ईएमपी (पर्यावरण प्रबंधन योजना) की पूंजीगत लागत 790 करोड़ रुपये और ईएमपी के लिए आवर्ती लागत, परियोजना के बाद, प्रति वर्ष 47 करोड़ रुपये होगी.
Admin4
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