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चेन्नई, (आईएएनएस)| तमिलनाडु पुलिस ने पहले आरएसएस को रविवार को राज्य के 45 स्थानों पर रूट मार्च निकालने की अनुमति दी थी। पुलिस ने शनिवार को कहा है कि कार्यकर्ताओं को रैली के दौरान लाठी नहीं चलानी चाहिए। यहां राज्य पुलिस मुख्यालय ने एक बयान जारी कर कहा कि आयोजकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि रूट मार्च के दौरान किसी भी व्यक्ति, धर्म या जाति को लेकर कोई भड़काऊ नारे या भाषण नहीं दिए जाएं। पुलिस ने यह भी कहा कि रूट मार्च सड़क के बायीं ओर होना चाहिए और पूरी सड़क को अवरुद्ध नहीं करना चाहिए।
पुलिस के मुताबिक, साथ ही आयोजकों को पीने के पानी की पर्याप्त व्यवस्था करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उचित प्राथमिक चिकित्सा किट मौजूद हों। उन्हें एम्बुलेंस बैक-अप और मोबाइल शौचालयों की भी व्यवस्था करनी होगी। रूट मार्च के दौरान सीसीटीवी कैमरे और अग्निशमन उपकरण भी होने चाहिए।
गौरतलब है कि तमिलनाडु पुलिस ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए 2 अक्टूबर को गांधी जयंती पर होने वाले आरएसएस के रूट मार्च की अनुमति नहीं दी थी।
तब पुलिस ने कहा था कि केंद्र द्वारा पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर लगाए गए प्रतिबंध के बाद रूट मार्च के दौरान कुछ दिक्कतें हो सकती हैं और इसलिए वे इसकी अनुमति नहीं दे सकते।
आरएसएस ने तब मद्रास हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था जिसने रैली की अनुमति दी थी, लेकिन राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने बाद में मद्रास हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखा और तमिलनाडु सरकार को 16 अप्रैल को रूट मार्च करने के लिए आरएसएस को अनुमति देने का निर्देश दिया।
--आईएएनएस
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