तमिलनाडू

आरएसएस की अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक में मणिपुर की स्थिति पर व्यक्त की गई गंभीर चिंता

Rani Sahu
15 July 2023 12:54 PM GMT
आरएसएस की अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक में मणिपुर की स्थिति पर व्यक्त की गई गंभीर चिंता
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तमिलनाडु (आईएएनएस)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तमिलनाडु के ऊटी में आयोजित तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक में मणिपुर की वर्तमान स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त की गई। इसके साथ ही संघ की इस महत्वपूर्ण बैठक में हिमाचल, उत्तराखंड और दिल्ली में आए बाढ़ के हालात पर भी चर्चा की गई।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने बैठक को लेकर बयान जारी कर कहा कि," बैठक में मणिपुर की वर्तमान स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त की गई। मणिपुर में संघ के स्वयंसेवक समाज के प्रबुद्ध लोगों के साथ मिलकर शांति तथा परस्पर विश्वास का वातावरण बनाने तथा पीड़ित बंधुओं की आवश्यक सहायता करने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं। बैठक में संघ स्वयंसेवकों द्वारा पीड़ित लोगों के लिए चल रहे सहायता कार्यों को और अधिक व्यापक करने पर विचार हुआ। समाज के सभी वर्गों से अनुरोध किया गया कि परस्पर सौहार्द एवं शांति स्थापित करने के प्रयासों को गति दें। इसके साथ ही स्थायी शांति एवं पुनर्वास हेतु सरकार से हरसंभव कार्रवाई करने का आह्वाहन भी किया गया।"
उन्होंने बताया कि, "बैठक में हाल ही में हिमाचल के मंडी, कुल्लू आदि ज़िलों, उत्तराखंड एवं दिल्ली में आई बाढ़ से प्रभावित लोगों हेतु संघ द्वारा चलाए जा रहे सेवा कार्य की समीक्षा की गई, तुरंत करणीय उपायों पर विचार किया गया। पिछले दिनों आई अन्य विपदाओं में किये गये कार्यों से विभिन्न प्रांतों द्वारा सभी को अवगत कराया गया। संघ की शाखाओं द्वारा सामाजिक दायित्वों के अनुरूप, उनके आसपास के क्षेत्र की आवश्यकताओं के अनुसार कई सारे सामाजिक एवं सेवा कार्य समय-समय पर किये जाते हैं। बैठक में ऐसे कार्यों के विवरणों के साथ अनुभवों का आदान-प्रदान भी हुआ तथा संघ की प्रत्येक शाखा को इस दिशा में अधिक सक्रिय करने पर योजना बनी है।"
आपको बता दें कि, संघ की यह प्रतिवर्ष होने वाली महत्वपूर्ण बैठक इस वर्ष 13,14 और 15 जुलाई को तमिलनाडु के ऊटी में आयोजित की गई। बैठक में मुख्यतः संगठनात्मक विषयों पर चर्चा हुई। इस बैठक में प्रांत प्रचारकों के साथ-साथ सरसंघचालक मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले तथा सभी सहसरकार्यवाह एवं संघ के अन्य सभी पदाधिकारी मौजूद रहे। इसके साथ ही संघ से जुड़े विभिन्न संगठनों के अखिल भारतीय संगठन मंत्री भी इस बैठक में शामिल हुए।
इस वर्ष 2023 में संघ के प्रथम, द्वितीय व तृतीय वर्ष मिलाकर कुल 105 संघ शिक्षा वर्ग संपन्न हुए, जिसमें देश भर से कुल 21,566 शिक्षार्थी सहभागी रहे। इनमें चालीस वर्ष की आयु से कम 16,908 तथा चालीस से पैंसठ आयु के 4,658 शिक्षार्थियों ने भाग लिया। बैठक में प्राप्त आंकड़ों के अनुसार देश भर में 39451 स्थानों पर संघ की कुल 63724 दैनिक शाखायें तथा अन्य स्थानों पर 23299 साप्ताहिक मिलन एवं 9548 मासिक मंडली चल रही है।
बैठक में संघ के विविध गतिविधियों के साथ आगामी शताब्दी वर्ष के कार्य विस्तार एवं शताब्दी विस्तारक योजना की भी समीक्षा की गई। सामान्य तौर पर, आरएसएस यह वार्षिक बैठक मुख्यतः संगठनात्मक विषयों पर चर्चा करने के लिए हर वर्ष आयोजित करता है, जिसमें संघ संगठन से जुड़े अपने कार्यों की समीक्षा करता है और साथ ही भविष्य की योजना भी बनाता है। लेकिन 2024 में होने वाले लोक सभा चुनाव और भाजपा के मिशन' साउथ इंडिया' के मद्देनजर इस बैठक को काफी महत्वपूर्ण माना जा सकता है क्योंकि संघ के विस्तार का राजनीतिक लाभ भाजपा को मिलना तय माना जाता है।
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