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चेन्नई। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने रविवार को कहा कि देशभर के अन्य राज्य शासन के द्रविड़ मॉडल को अपनाने के लिए उत्सुकता दिखा रहे हैं। सामाजिक न्याय पर तीसरी अंतराष्ट्रीय मानवता बैठक को वर्चुअली संबोधित करते हुए स्टालिन ने कहा कि अन्य राज्यों की सत्तारूढ सरकारें भी शासन के द्रविड मॉडल को समझना और अपने अपने राज्य में लागू करना चाहती हैं। इस मॉडल को अपनाकर तमिलनाडु राज्य द्वारा पिछले पचास वर्षों में अर्जित की गयी उपलब्धियों को लागू किया जा सका।
मानवता का आधार सामाजिक न्याय को बताते हुए उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय की संकल्पना मानवता के आधार पर बनी थी और इस मानवीय-सामाजिक न्याय बैठक में हिस्सा लेने के लिए सामाजिक न्याय की जमीन से उत्पन्न हुई है। उन्होंने दावा किया कि तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रमुक सरकार सभी जगह सामाजिक न्याय की अवधारणा को स्थापित कर पायी है। इस सरकार द्वारा सामाजिक समानता पर अधारित कई योजनाएं शुरू की हैं। द्रमुक पार्टी का आधार ही सामाजिक न्याय, समानता, आत्मसम्मान, भाषायी समरसता , सांप्रदायिक अधिकार और राज्य की स्वायत्ता जैसे आर्दश हैं।
उन्होंने कहा हमारा विकास इन्हीं आधारों पर किया जाना चाहिए। औद्धोगिक विकास, सामाजिक परिवतर्न, शिक्षा में सुधार आदि ऐसे मुद्दे हैं जिनका लाभ सभी को मिलना चाहिए। स्टालिन ने कहा कि आरक्षण नीति, द्विभाषा नीति, तमिल भाषा का विकास, अध:संरचना, खेती पर फोकस, सामाजिक उन्नयन को लेकर पिछले 50 वर्षों से लगातार लड़ी जा रही लडाई के कारण राज्य में आज यह अभूतपूर्व विकास नजर आता है। उन्होंने कहा कि विकास में सामाजिक और आर्थिक दोनों पहलू शामिल होने चाहिए।
सोर्स- अमृत विचार
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