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चेन्नई (आईएएनएस)। चेन्नई के एन्नोर में मछुआरों ने गुरुवार को एक विरोध मार्च निकाला और अपने लिए नौकरी की मांग की। उनका कहना है कि बिजली ट्रांसमिशन टावर के निर्माण के कारण वहां मछलियां कम मिल रही हैं और लोग एन्नोर की मछलियों को विषैला बताकर वहां की मछली नहीं खरीदते हैं।
एन्नोरकुप्पम, नेट्टुकुप्पम, मुगथवाराकुप्पम, थज़ानकुप्पम, सिवानपादैवेथिकुप्पम, पेरियाकुप्पम और चिन्नकुप्पम के मछुआरों ने एन्नोर बैकवाटर्स में पावर ट्रांसमिशन टावर का निर्माण कर रहे तमिलनाडु ट्रांसमिशन कॉर्पोरेशन (तांट्रांसको) और तमिलनाडु जेनरेशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड (तांगेदको) के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन में भाग लिया।
विरोध मार्च में हिस्सा लेने वाले एन्नोर के एक मछुआरे स्वामीनाथन ने आईएएनएस को बताया, “एन्नोर बैकवाटर में मछली पकड़ने से मुझे प्रति दिन 500 रुपये मिलते थे। अब पावर ट्रांसमिशन टावर के निर्माण के कारण मछलियां कम मिलती हैं। अगर कुछ मछलियां मिलती भी हैं तो लोग यह कहकर नहीं खरीदते हैं कि एन्नोर की मछलियाँ खराब और जहरीली हैं।
उन्होंने कहा कि मछुआरों ने 26 जुलाई को ट्रांसमिशन टावरों के निर्माण स्थलों के आसपास अपनी नावों में एक मौन विरोध मार्च निकाला था।
वे पानी में लगे पावर ट्रांसमिशन टावर के मलबे को हटाने की मांग कर रहे थे।
मछुआरों ने तिरुवल्लूर जिला कलेक्टर से भी मुलाकात की थी। उन्होंने एन्नोर के लोगों के लिए नौकरी और कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) फंड का उपयोग करके नदी से मलबा हटाने की मांग की थी।
मछुआरे अब उच्च अधिकारियों के साथ बैठक और चर्चा की मांग कर रहे हैं क्योंकि जिला कलेक्टर के साथ चर्चा के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो सका है।
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