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करौली। पूर्वी राजस्थान के करौली जिले में स्थित उत्तर भारत के प्रसिद्ध शक्तिधाम कैलादेवी दर्शनों को जा रहे यात्रियों के साथ एक बार फिर बड़ा हादसा हो गया। जिले के हिंडौनसिटी में यात्रियों का ट्रक 11 हजार केवी बिजली लाइन से छू जाने के कारण एक युवक की मौत हो गई। वहीं, मृतक की पत्नी सहित चार महिलाएं बुरी तरह झुलस गई। जिनका जिला अस्पताल में उपचार जारी है। वहीं, पुलिस ने मंगलवार को पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है।
जानकारी के मुताबिक 70 यात्रियों को जत्था ट्रक से आगरा के नजदीक सरायदायरूपा, खंदौली से रवाना होकर कैलादेवी दर्शन के लिए जा रहा था। तभी सोमवार शाम हिंडौन सिटी में आदर्श विद्या मंदिर स्कूल के पास ट्रक की बॉडी 11 हजार केवी लाइन से स्पर्श हो गई। जिससे ट्रक में करंट दौड़ गया। इस हादसे में दुर्गेश कुशवाह पुत्र शिशुपाल निवासी रामबाग, आगरा की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, मृतक की पत्नी पिंकी, कुसमा, चन्द्रप्रभा और प्रेमवती करंट से झुलस गई। सूचना मिलते ही थाना पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को जिला अस्पताल पहुंचाया। जहां पर चारों घायल महिलाओं को उपचार जारी है। इधर, पुलिस ने मंगलवार को पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है।
इससे पहले करौली जिले में शनिवार को कैलादेवी पदयात्रियों के साथ बड़ा हादसा हुआ था। मध्यप्रदेश से कैलादेवी दर्शन करने जा रहे 17 श्रद्धालु चंबल नदी के तेज बहाव में बह गए थे। जिनमें से 6 श्रद्धालुओं की नदी में डूबने से मौत हो गई थी। वहीं, लवकुश नाम का युवक अभी भी लापता है। जिसकी तलाश के लिए NDRF की टीम ने मंगलवार को भी सर्च ऑपरेशन चला रखा है। हादसा उस वक्त हुआ था जब 18 मार्च को कैलादेवी पदयात्रियों का जत्था करौली जिले के मंडरायल उपखंड से होकर गुजर रही चंबल नदी के रोधई घाट पर पानी में से होकर निकल रहा था। तभी तेज बहाव के कारण सभी 17 श्रद्धालु नदी में बह गए थे। हालांकि, 10 श्रद्धालुओं को सुरक्षित बचा लिया गया था।
बता दें कि कैलादेवी में चैत्र नवरात्रि का लक्खी मेला (Kaila Devi Lakhi fair) 19 मार्च से शुरू हुआ, जो 4 अप्रैल तक चलेगा। कैलादेवी के दर्शन के लिए उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखंड सहित प्रदेशभर से श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला जारी है। मेले के दौरान माता के दरबार में लाखों की संख्या में श्रद्धालु अपनी हाजिरी लगाकर मन्नतें मांगते हैं। वहीं कई श्रद्धालु मन्नत पूरी होने पर पैदल चल कर ही माता के दर्शन करने के लिए आते हैं। मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए जिला प्रशासन ने सुरक्षा के खास इंतजाम किए है। जगह-जगह पुलिस के जवान तैनात किए गए हैं। बांध और नदी तालाबों के आसपास सिविल डिफेंस की टीम एवं गोताखोरों की व्यवस्था की गई है, ताकि हादसों को रोका जा सके। वहीं, श्रद्धालुओं को भी मेले के दौरान सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है।
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