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कोटा। कोटा राजस्थान में पुलिस प्रशासन द्वारा 32वां सड़क सुरक्षा सप्ताह चलाया जा रहा है। सुरक्षा सप्ताह के चलते नियमों का पालन नहीं करने वाले वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए जगह-जगह पुलिस व आरटीओ विभाग के अधिकारी तैनात हैं। लेकिन हादसों को न्यौता देने वाले पत्थरों से भरी सड़कों पर दौड़ रही ट्रैक्टर-ट्रालियों पर पुलिस कार्रवाई नहीं हो रही है. जबकि बिना रजिस्ट्रेशन ट्रॉली व्यवसायिक कार्यों में काम नहीं आती है। सुकेत के ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस की कार्रवाई को देखकर लगता है कि पुलिस की कार्रवाई बाइक और कार तक ही सीमित है. थानों के सामने अवैध रूप से कोटा स्टोन की चिंगारियों से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉलियां सड़कों पर सरपट दौड़ रही हैं. जो हादसों का कारण बन रहे हैं।
कस्बे के निवासियों का कहना है कि खनन माफियाओं की सांठगांठ के कारण वे अपना अवैध कारोबार आसानी से चला रहे हैं. खदानों में पत्थर काटने के दौरान निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थ को आसानी से अवैध रूप से बैच किया जा रहा है। खनन माफिया चिंगारी को अपने ट्रैक्टरों के साथ-साथ अन्य ट्रैक्टरों में भी लोड करवा रहे हैं। दबंगई दिखाने के साथ ही उन ट्रैक्टर चालकों से रवन्ना के नाम पर अवैध वसूली कर रहा है सलातखेड़ी के रवि वर्मा ने बताया कि बिना ट्रॉली रजिस्ट्रेशन के अवैध चिंगारी बिना रवन्ना ले जाई जा रही है। इन ट्रैक्टर-ट्रॉलियों से कई हादसे हो चुके हैं। बता दें कि इससे पहले भी सातलखेड़ी में चिंगारी से भरी ट्रैक्टर ट्रॉली ने एक युवक को अपनी चपेट में ले लिया था. हादसे में युवक को अपना पैर गंवाना पड़ा। हालांकि पुलिस ने कार्रवाई करते हुए ट्रैक्टर को जब्त कर लिया है।
आरटीओ सलाहकार अशोक कुमार के मुताबिक व्यवसायिक कार्यों में इस्तेमाल होने वाली ट्रॉली का रजिस्ट्रेशन जरूरी है। बिना रजिस्ट्रेशन के ट्रॉली को सड़क पर नहीं चलाया जा सकता है। आरटीओ अधिकारी ने भी माना है कि सड़कों पर चलने वाली ट्रॉलियों को अवैध और जुगाड़ू बना दिया गया है। जिनका रजिस्ट्रेशन ही नहीं हुआ है। यहां तक कि ट्रैक्टरों का भी दो तरह का बीमा होता है। जिसमें एक बीमा खेतों में दौड़ने के लिए और दूसरा सड़क पर चलने यानी व्यावसायिक कार्यों के लिए होता है। ट्रैक्टर को सड़क पर चलाने के लिए बीमा राशि अधिक देनी पड़ती है। जबकि खेतों में काम लेने के लिए ट्रैक्टर की बीमा राशि कम है। ऐसे में खेती में इस्तेमाल होने वाले ट्रैक्टर को खेत के नाम पर बीमा कराकर सड़कों पर चलाया जा रहा है.
परिवहन विभाग के डीटीओ रामचरण मीणा ने बताया कि इलाके में सभी कॉमर्शियल ट्रैक्टर ट्रॉलियां अवैध हैं। क्योंकि इस जुगाड़ू को डिजाइन पर बनाया गया है। इसलिए रामगंजमंडी में व्यवसायिक ट्रॉली का रजिस्ट्रेशन बंद है। इसका सीधा कारण रजिस्ट्रेशन के लिए आरटीओ फॉर्म नंबर 20 और 22 भरना है। कमर्शियल ट्रॉलियों की डिजाइन अप्रूवल जोधपुर मुख्यालय से होती है। रजिस्ट्रेशन ट्रॉली के जीएसटी बिल से ही होता है। हालांकि कृषि कार्य में पंजीयन की आवश्यकता नहीं है, लेकिन व्यवसायिक कार्य में पंजीयन आवश्यक है।
Admin4
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