राजस्थान

वार्ड 5 : ग्रामीणों के सामने नदी पार गुजरने की चुनौती

Shantanu Roy
2 Aug 2022 12:18 PM GMT
वार्ड 5 : ग्रामीणों के सामने नदी पार गुजरने की चुनौती
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बड़ी खबर

किशनगंज। किशनगंज तहसील क्षेत्र के छिनोद ग्राम पंचायत के सोड़ाना गांव से सोड़ाना के डांडे सहरिया बस्ती पर जाने के लिए लोगो को बरसात के 4 महीने इस नदी की पुलिया को पार करके जाना मजबूरी बनी हुई है। ग्रामीणों के लिए हर दिन चुनौती से कम नही है। जिससे आए दिन दुर्घटना होने का खतरा बना रहता है। मुख्य पुलिया जो कम ऊंचाई की बनी होने के कारण बारिश होने के बाद लंबे समय तक पुलिया की रपट डूबी रहती है। एक चुनौती पार करने के बाद एक ओर नाले को पार करने के बाद एक ओर क्षतिग्रस्त हो चुकी पुलिया को पार करना होता है। जिसमें हर समय दुर्घटना होने का खतरा बना रहता है। सोड़ाना डांडे पर लगभग 300 सहरिया परिवार की आबादी है। उन सहरिया परिवारों को रोज हर मौसम इसी मार्ग से गुजरना पड़ता है। जिसको लेकर ग्राम पंचायत एवं प्रशासन को कई बार अवगत कराने के बाद भी हालात जस के तस बने हुए हैं। किशनगंज पंचायत समिति के वार्ड 5 में आने वाले गांव रानीबडौद मेहरावता ,इकलेरा ,मिसाई, सोडाणा,राधापुरा छिनोद आंशिक आदि शामिल है तथा कुल मतदाताओं की संख्या लगभग 8350 है।

बारिश के समय मरीजों की नहीं मिलती सुविधाएं
सोड़ाना के डांडे पर रहने वाले लगभग 300 सहरिया परिवारों को तेज बारिश के समय नदी नालो के उफान पर आ जाने के कारण सभी रास्ते बंद हो जाते है। ऐसे में सोड़ाना डांडे पर रहने वाले लोगो को बारिश के समय बीमार हो जाने पर चिकित्सा सुविधाओं के लिए भी जूझना पड़ता है। कई बार उपचार के अभाव में दम तोड़ देते है।
रेबारपुर की कच्ची ग्रेवल सड़क से गुजरने की मजबूरी
रेबारपुरा गांव के ग्रेवल सड़क पर जगह-जगह गहरे गड्ढें होने से राहगीरों को परेशान होना पड़ रहा है। कच्ची सड़क से वाहनों को भी गुजरने में परेशानियो का सामना करना पड़ता है। मुख्य सड़क का रास्ता पक्का होने व लंबा होने से रेबारपुरा के ग्रामीण इसी ग्रेवल सड़क से गुजरते है। गत वर्ष ही गांव रेबारपुरा बाढ़ग्रस्त हो गया था। जिसकी वजह से पहले भी ग्रामवासियो के द्वारा बहुत नुकसान उठा चुका है। रेबारपुरा से रामस्वरूपजी खेत तक पूरी कच्ची सड़क खराब हो चुकी है।
आमजन पैदल निकलने में भी भारी मुश्किलो का सामना करना पड़ता है। बाढ़ आने के बाद निकलने के लिए यही एक मात्र रस्ता बचता है। सब रास्ते बाढ़ के पानी से लबालब रहते है। ग्रामीणों ने बताया कि प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। चुनाव के दौरान जिला प्रमुख उर्मिला जैन भाया ने इस ग्रेवल सड़क को पक्की सड़क बनाने का वादा किया था, लेकिन बाद में कोई ध्यान नही दिया गया। जिससे बारिश के समय कच्ची सड़क से कम दूरी तय कर निकलने की मजबूरी है।
मुख्य सड़क से रेबारपुरा तक खस्ताहाल कच्ची सड़क का निर्माण शीघ्र किया जाए। जिससे ग्रामीणों को लंबी दूरी तय नही करना पड़े। साथ ही सोड़ाना जाने के लिए उच्च स्तरीय पुल का निर्माण किया जाए।
- प्रेम मीणा, ग्रामीण, सोडाना।

रेबारपुरा के ग्रामीणो के लिए मुख्य सड़क का रास्ता पक्का बना हुआ है। यह वैकल्पिक मार्ग है। जिस पर बारिश कम होने के बाद ग्रेवल डलवाकर मार्ग दुरुस्त करवा दिया जाएगा।
- रचना कंवर, सरपंच, ग्राम पंचायत छिनोद।

पंचायत समिति क्षेत्र के गांव से सोड़ाना डांडे तक जाने वाले रास्ता के बीच आने वाली पुलिया के लिए 7 लाख रुपये की राशि स्वीकृत है। बारिश के बाद कार्य शुरू करवाया जाएगा।
- प्रहलाद राम डूडी, विकास अधिकारी, किशनगंज।
Shantanu Roy

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