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किशनगढ़। सड़क दुर्घटना से इस देश हर साल हजारों जाने चली जाती हैं, कई सारे लोग अपने घर चिरागों, कमाने वालो आदि को को देते है यहां तक की 2 साल पहले आने वाले कोरोना वायरस ने इतनी जाने नहीं ली जितना लोग सड़क दुर्घटना से मारे जाते हैं खास कर की राज्य राजमार्ग और राष्ट्रिय राजमार्ग में ज्यादा लोगों की जान जाती हैं। ऐसी ही एक घटना किशनगढ़–जयपुर हाइवे पर देर रात हुई जहां पर एक ट्रक ने 3 युवकों को रौंद दिया जिसमे 2 की तो मौके पर ही मौत हो गई और बचे एक युवक ने अस्पताल में अपना दम तोड़ दिया।
किशनगढ़–जयपुर नेशनल हाईवे पर देर रात एक ट्रक ने 3 युवक मोहमद इदरीश, हरीश चंद्र और दिनेश को रौंद दिया जब वह तीनों युवक अपनी बाइक खड़ी कर हाइवे को पार कर रहे थे। यह दुर्घटना नसीराबाद पुलिया के पास सिवरेज ऑफिस के सामने हुई थी। आज तीनों युवकों के पोस्टमार्टम के बाद युवकों के मृत शरीर को उनके परिवारों को सौप दिया गया है। दुर्घटना के बाद से ही ट्रक ड्राइवर फरार है जिसकी पुलिस तलाश कर रहीं हैं। ट्रक से रौंदे जाने के बाद हरीश चंद्र और दिनेश की मौके पर ही मौत हो गई वही मोहम्मद इदरीश ने अजमेर के JLN अस्पताल में आज अपना दम तोड़ दिया।
ऐसा बताया जा रहा, मोहम्मद इदरीश की सिलोरा में एक गत्ते की फैक्ट्री थी जिसमे हरीश चंद्र और दिनेश काम किया करते थे। हरीश चंद्र गुमानसिंह का दरवाजा में रहता था और दिनेश भीलवाड़ा जिले में रहता था। इदरीश ने अपनी शादी से पहले अपने पिता का हाथ बटाने के लिए गट्टा फैक्ट्री खोली थी। इदरीश के परिवार में पिता यूनुस और मां मेहमूदा के अलावा 3 बहन और एक भाई हैं।
दिनेश भीलवाड़ा से 8 महीने पहले कमाने के लिए किशनगढ़ आया था। दिनेश 8 महीनों से ही इदरीश के गत्ता फैक्ट्री में काम किया करता था। उसके परिवार में पिता ओंकारनाथ और मां शांतिदेवी के साथ 2 भाई है। हरीश चंद्र 12 साल से गत्ता फैक्ट्री में काम कर रहा था। हरीश की मां और पिता की 2 साल पहले ही मृत्यु हो गई थी। हरीश का एक बड़ा भाई किशनलाल और उसकी दोनो बहनों की शादी हो चुकी हैं।तीनों परिवारों ने अपने चिरागो,भाईयो और बेटों को को दिया है। तीनों परिवार में मातम का माहोल है और पुलिस जांच कर रहीं हैं।
Admin4
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