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अजमेर। अजमेर के रामगंज थाने में दर्ज दुष्कर्म के मामले में अब एक नया मोड़ आ गया है। मुकदमा दर्ज होने के लगभग 8 माह बाद भी जहां कथित आरोपी फरार चल रहा है तो वहीं अब न्यायालय की शरण लेकर पीड़िता व उसके दो साथियों के खिलाफ ब्लैकमेल कर रुपए हड़पने का मामला दर्ज करवाया है। न्यायालय के आदेश पर सिविल लाइन थाना पुलिस मामले की जांच कर रही है। नागौर के गुलर निवासी और हाल दयानंद महाविद्यालय के स्टाफ क्वार्टर निवासी चैनसुख बेनीवाल ने एक इस्तगासा अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या 3 के समक्ष पेश किया। जिसमें बताया कि वह दयानंद महाविद्यालय में फिजिक्स विभाग में लैब असिस्टेंट के पद पर कार्यरत था। कॉलेज का पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष महिपाल कस्वा ने उसे एक महिला से मिलवाया और कहा कि इसे जॉब की आवश्यकता है।
कॉलेज में आयोजित होने वाली परीक्षा में इसकी ड्यूटी लगाएं। जिस पर उसने उक्त महिला से प्राचार्य के नाम एप्लीकेशन ली और बाद में कॉलेज प्रशासन ने उसकी ड्यूटी लगाई भी गई। बेनीवाल ने इस्तगासे में बताया कि मई 2021 में महिला का उसके पास फोन आया। जिसने कहा कि सर आपके नम्बर महिपाल कस्वा ने दिए हैं। पूर्व में मेरी डीएवी कॉलेज में परीक्षा ड्यूटी लगी थी लेकिन मुझे स्थाई नौकरी की आवश्यकता है, कहीं पर जॉब लगवाकर मेरी मदद करो। जिस पर उसने मदद का आश्वासन दिया।
चैनसेख ने बताया कि कभी कभी उसके पास महिला का फोन आता था। कुछ दिनों बाद महिला नौकरी को लेकर परामर्श मांगा, इस कारण महिला से उसकी जान पहचान हो गई, महिला कभी कभार परिवादी के घर पर आया जाया करती थी। इस तरह से दोनों में अच्छी जान पहचान हो गई। इसके कुछ दिनो बाद ही महिला ने पिताजी की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने की बात कहकर उससे 50 हजार रुपए मांगे। जिस पर 29 या 30 अक्टूम्बर 2021 को पुष्कर रोड पर मजार के पास अभिनन्दन डिफेन्स एकेडमी के संचालक मुकेश जागिंड के सामने 50 हजार रुपए दिए गए। महिला ने व्यवस्था होते ही जल्द ही रुपए वापस लौटाने के लिए आश्वस्त भी किया। दिसम्बर 2021 में जब महिला से वापस रूपए मांगे गए तो कुछ दिन में लौटाने की बात कही।
चैनसुख ने बताया कि जब रुपए जल्दी देने का दबाव बनाया तो महिला ने कहा कि मैं तुम्हारे रूपये लेकर मर नही रही हूं। इसके बाद महिला ने अलग अलग नामों से डीएवी कॉलेज प्रशासन को उसके खिलाफ शिकायत करना प्रारम्भ कर दिया जिस पर उसने कॉलेज प्रशासन को स्पष्टीकरण भी दिया। महिला ने कॉलेज में रामकिशन चौधरी हरसोर, नागौर के नाम से परिवादी को प्रताड़ित करने के लिए पत्र भेजा व परिवादी की पत्नी की फोटो भी पत्र के साथ भेजी। बाद में महिला ने पैसे वापस लौटाने से बचने के लिए अलग अलग इन्टाग्राम पर फेक आईडी बनाकर विभिन्न लोगों से पहचान करके परिवादी के व्हाटसअप नम्बर पर अलग अलग लोगो से झूठे झूठे मैसेज करवाए। चैनसुख ने बताया कि जब उसने वापस उक्त नम्बरों पर फोन किया तो उक्त सभी लोगों ने इस बात को सुनिश्चित किया कि वही महिला अपनी मजबूरी बताते हुए यह मैसेज करवा रही थी। कई दिन तक यही सिलसिला चलता रहा और इसी क्रम में उसके पिता को फोन कर कहा गया कि चैनसुख बहुत परेशान है और कभी भी सुसाइड कर सकता है। ऐसे में उसके पिताजी ने उसे बताया तो 26 मार्च एक प्रार्थना पत्र रामगंज थाने में दिया गया और महिला को इस तरह की हरकते नहीं करने व राशि लौटाने के लिए कहा गया तो महिला ने राशि तो तू देगा अब मुझे और मेरे हाथ पैर पड़ेगा।
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