राजस्थान

प्रदेश में हुआ पहला लिवर ट्रांसप्लांट, मरीज को उसकी पत्नी ने अपने लिवर का एक हिस्सा डोनेट कर बचाई जान

Gulabi Jagat
27 July 2022 4:35 PM GMT
प्रदेश में हुआ पहला लिवर ट्रांसप्लांट, मरीज को उसकी पत्नी ने अपने लिवर का एक हिस्सा डोनेट कर बचाई जान
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प्रदेश में हुआ पहला लिवर ट्रांसप्लांट
जयपुर. चिरंजीवी योजना के दायरे में प्रदेश में पहला लिवर ट्रांसप्लांट (Rajasthan first liver transplant in Mahatma Gandhi Hospital jaipur) किया गया है. जयपुर के सीतापुरा स्थित महात्मा गांधी अस्पताल की एक्सपर्ट टीम ने लिवर फेल्योर की स्थिति से जूझ रहे मरीज मुकेश का सफल ऑपरेशन किया. टीम ने मरीज का सफल ऑपरेशन कर लिवर ट्रांसप्लांट किया. खास बात ये है कि मरीज को उसकी पत्नी ने ही अपने लिवर का एक हिस्सा डोनेट किया और उसे मौत के मुंह से बचा लाई.
लिवर ट्रांसप्लांट विभाग के निदेशक डॉ. नैमिष मेहता ने बताया कि मुख्यमंत्री चिरंजीव स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत ये राज्य का पहला लिवर ट्रांसप्लांट है. मरीज को उसकी पत्नी ने ही अपने लिवर का एक हिस्सा डोनेट किया और उसके प्राण बचा लिए. जयपुर के महात्मा गांधी अस्पताल पहुंचे रोगी मुकेश का लिवर पूरी तरह खराब हो गया था. हिपेटोलॉजिस्ट डॉ. करण कुमार ने परिवार की काउंसलिंग कर रोग की गंभीरता बताई और संभावित उपचार करने के लिए लिवर ट्रांसप्लांट के लिये तैयार किया. रोगी की पत्नी बबिता का ब्लड ग्रुप मैच होने पर पत्नी ने ही अपने लिवर का एक हिस्सा डोनेट कर अपने पति की जान बचाई. ये ऑपरेशन 25 जून को किया गया था. 3 सप्ताह के बाद दोनों के स्वस्थ होने पर उन्हें घर भेज दिया गया.
महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी जयपुर के चेयरपर्सन डॉ. विकास स्वर्णकार ने बताया कि राज्य में बड़ी संख्या में लिवर फेल्योर रोगी हैं. उन्हें लिवर प्रत्यारोपण की बेहद आवश्यकता है. इनमें से अधिकांश मरीज उपचार खर्च वहन नहीं कर पाने की वजह से लीवर प्रत्यारोपण नहीं करा पाते हैं. मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना ने ऐसे रोगियों के लिए जीवन की राह आसान कर दी है. उन्होंने बताया कि महात्मा गांधी अस्पताल ने इसमें पहल करते हुए प्रदेश में पहला लिवर प्रत्यारोपण किया. रोगी को चिरंजीवी योजना का लाभ देकर उसका कैशलैस उपचार किया गया.
ऑपरेशन को सफल बनाने में डॉ. नैमिष मेहता, डॉ. विनय कपूर, डॉ. अजय शर्मा, डॉ. आरपी चौबे, डॉ आनंद नागर, डॉ. विनय महला, हिपेटोलॉजिस्ट डॉ विवेक आनंद सारस्वत व डॉ करण कुमार, एनेस्थेटिस्ट डॉ. गणेश निम्झे, डॉ. विपिन गोयल, डॉ. गौरव गोयल और ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर आर्यन माथुर ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
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