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कोटा। कोटा में रामनवमी के जुलूस में करंट फैलने से हुई तीन मौतों को लेकर अब तक कई सवाल बने हुए हैं। हालांकि, ग्रामीणों का आरोप है कि इस भीषण हादसे का जिम्मेदार बिजली विभाग है। वहीं, अधिकारियों ने ऐसे किसी भी आरोप को खारिज कर दिया है। विभाग का कहना है कि एक्सीडेंट युवकों की लापरवाही के कारण हुआ है। हादसे में तार पर लटके युवक की जान बच गई, जबकि नीचे खड़े तीन युवकों की मौत हो गई थी। दरअसल, शहर के सुल्तानपुरा क्षेत्र में गुरुवार शाम हुए इस हादसे को लेकर बिजली विभाग ने कहा कि तारों की ऊंचाई सही थी और वे सही तरीके बंधे भी हुए थे। स्थानीय लोगों का कहना है कि जुलूस के दौरान जुलूस के वक्त एक चक्र बिजली के तारों में फंस गया। उसमें गांठ लग गई थी। पहले लड़की के सहारे उसे उतारने की कोशिश की गई, लेकिन बाद में सात लोग पिरामिड बनाकर चक्र को उतारने लगे। इस दौरान युवक का हाथ तार पर लग गया। सातों लोग करंट से झुलस गए। पिरामिड मे नीचे मौजूद तीन लोगों की मौत हो गई।
मौके पर पहुंचे। स्थानीय ग्रामीणों ने बिजली विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया। जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। ग्रामीणों ने मृतकों और घायलों के परिजनों को आर्थिक सहायता दिलाने की मांग की। हादसे में बडौद निवासी महेंद्र यादव, अभिषेक नागर व ललित प्रजापति की मौत हो गई। तीनों के अपने परिवार के इकलौते बेटे थे। जबकि झुलसी हालात में हिमांशु (20), राधेश्याम (23), अमित (19) और फलेंद्र (22) को कोटा के एमबीएस (महाराव भीमसिंह) अस्पताल में रैफर किया गया। इनमें हिमांशु ही पिरामिड में सबसे ऊपर था। तार उसी के हाथ पर लगा। उसके नीचे मौजूद राधेश्याम व अमित करीब 10 फीसदी से कम झुलसे हैं।
मेडिकल कॉलेज कोटा में सर्जरी विभाग के सीनियर प्रोफेसर डॉक्टर आरएस मीणा ने बताया- करंट लगने से हिमांशु के एक हाथ में ज्यादा चोट लगी है। जिसे रात में ही ओटी में लिया गया। वैसे तीनों की हालत खतरे से बाहर है। वहीं, फलेंद्र सुलतानपुर के अस्पताल में भर्ती। उसे ज्यादा चोट नहीं आई है। प्रत्यक्षदर्शी दिनेश कुमार ने बताया- श्री मंशापूर्ण बजरंग व्यामशाला अखाड़ा बडौद से कोटड़ादीप सिंह जा रहा था। अखाड़े में 35 से 40 युवा करतब दिखाते हुए चल रहे थे। कोटड़ादीप सिंह गांव के गढ़ मोहल्ले में युवक चक्र घूमाकर हवा में उछाल रहे थे। उसी दौरान एक चक्र बिजली के तार में फंस गया। युवकों ने लकड़ी के सहारे चक्र को उतारने की कोशिश की। सभी करंट की चपेट में आ गए। नीचे खड़े युवकों को पता ही नही चला। वो अचेत होकर नीचे गिर गए। मौके पर भगदड़ मच गई।
दिनेश ने बताया कि पहले लाइट नहीं आ रही थी। फिर अचानक लाइट आ गई। घटना में झुलसे युवक राधेश्याम ने बताया- अखाड़े में सभी युवक करतब दिखा रहे थे। उस समय पुलिस भी वहां मौजूद थी। बिजली के तार में पहले करंट नहीं था। इसलिए हम 7 लोग मिलकर चक्र को उतार रहे थे। जैसे ही करंट लगा कुछ समझ नहीं आया। कलेक्टर ओपी बुनकर ने कहा- प्रथम दृष्टया मानवीय लापरवाही की वजह से हादसा हुआ है। चक्र तार में फंस गया था। उसको उतारने के लिए पिरामिड बनाकर उस पर चढ़े थे। इसी दौरान करंट लगा। अर्थ बनने से पिरामिड के नीचे खड़े युवकों की मौत हो गई। ऊपर मौजूद युवक झुलस गए।
तीनों झुलसे युवकों की स्थिति ठीक है। मृतकों के परिजनों को नियमानुसार राज्य सरकार की तरफ से आर्थिक सहायता दिलवाएंगे। बूढ़ादीत थाना SHO नरेंद्र सुन्दरीवाल ने बताया- प्रशासन से अनुमति लेकर शोभायात्रा निकाली जा रही थी। करंट की चपेट में आने से युवकों की मौत हुई है। मामले में जांच की जा रही है। बिजली विभाग कोटा के XEN अनिल बिलोटिया ने कहा- जुलूस निकालने की सूचना नहीं थी। बिजली के तार नहीं झूल रहे थे। अखाड़े के युवक पिरामिड बनाकर ऊंचाई पर गए। इसी दौरान करंट की चपेट में गए। मामले की जांच करवाई जाएगी।
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