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वजीरपुरा। टोंक जिले की बनास नदी में एक बार फिर से तनावपूर्ण हालात हो गए है। सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद फिर से चालू हुई है बजरी खनन को लेकर बजरी लीज धारक पर नियम कायदे कानूनों की धज्जियां उड़ाकर खनन करने के आरोप लगाते हुए किसानों और ग्रामीणों ने बनास नदी में जमकर हंगामा खड़ा कर दिया। आक्रोशित भीड़ ने बजरी लीज धारक के कार्मिकों द्वारा किए जा रहे बजरी खनन को रुकवा दिया और मौके पर खनन कर रहे वाहनों में तोड़फोड़ भी की। जिसके चलते वजीरपुरा के बनास नदी इलाके में हालात तनावपूर्ण हो गए।
घटना की जानकारी मिलते ही बजरी लीज धारक के अन्य कर्मचारी भी मौके पर पहुंचे और आक्रोशित ग्रामीणों से वार्ता की। कर्मचारियों से हुई वार्ता के बाद आक्रोशित भीड़ शांत हुई। भीड़ में शामिल किसान और ग्रामीणों का आरोप है कि बजरी लीज धारक के लोग नदी में चेकपोस्ट लगा कर अहमदपुरा की रवन्ना रसीद के नाम पर वजीरपुरा और मोलायपुरा जैसे प्रतिबंधित क्षेत्रों में पुलिस, प्रशासन और खनिज विभाग की मिली भगत से बनास में बजरी निकालने का काम कर रहे है।
ग्रामीणों का आरोप है कि नियम कायदे कानूनों को ताक में रख कर किए जा रहे अवैध बजरी खनन से उनके क्षेत्रोँ के पानी के कुएं और अन्य जल स्त्रोत पूरी तरह से सूखने के खड़े पर आ खड़े हुए है। जिसके चलते कृषि कार्यों में भी मुश्किल होने लगी है। आक्रोशित ग्रमीणों ने लीज धारक को चेतावनी दी है कि यदि प्रतिबंधित क्षेत्र में खनन किया गया तो फिर से ग्रामीण नदी में उतरेंगे।
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