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चित्तौड़गढ़। राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में दुखद घटना सामने आई है। बिंदौली कार्यक्रम से लौटते समय सड़क के बीच लटक रहे हाईटेंशन बिजली के तारों को छूते ही टेंपों में करंट दौड़ गया। करंट से टेंपो में आग लग गई और दो युवक सहित दो घोड़ी जिंदा जल गए। यह हादसा कपासन थाना क्षेत्र के रामथली गांव शनिवार सुबह करीब तीन बजे हुआ। घटना के बाद स्थानीय लोगों ने बिजली विभाग को सूचना दी और इलाके की लाइट बंद करवाई।
कपासन थानाधिकारी गजेंद्र सिंह ने बताया कि आग की चपेट में आने से रामथली निवासी शांतिलाल (28) पुत्र लेहरु गाडरी और टेंपों ड्राइवर गांव हथियाना निवासी किशन लाल (44) पुत्र शंकरलाल खटीक की मौत हो गई हैं। वहीं, टेंपों में सवार दो घोड़ी भी जिंदा जल गईं।
उन्होंने बताया कि शांतिलाल शादियों में घोड़ी ले जाता था। शुक्रवार को भी वह अपने छोटे भाई कैलाश (25) को साथ पांछली गांव में बिंदौली कार्यक्रम में दो घोड़ी लोडिंग टेंपो में लेकर गए थे। टेंपो गांव हथियाना निवासी किशन खटीक का था और वह ही चला रहा था। इनके साथ में हथियाना निवासी शिवलाल पुत्र बंशीलाल तेली भी था। वह ड्राइवर के साथ गया था। पांछली गांव में बिंदौली निकालने के बाद सभी शनिवार सुबह 3 बजे टेंपो से वापस लौट रहे थे। इसी दौरान रास्ते में रामथली के पास 11 केवी लाइन का तार टूट कर नीचे गिरा हुआ था। अंधड़ आने से और लाइट नहीं होने की वजह से तार दिखाई नहीं दिया। टेंपो सड़क पर नीचे पड़े तार की चपेट में आ गया। करंट का झटका लगते ही ड्राइवर किशन ने टेंपो को रोका, लेकिन तब तक वाहन में करंट दौड़ चुका था।
टेंपो में करंट दौड़ते ही शांतिलाल, कैलाश और शिवलाल जान बचाने के लिए बाहर निकल आए, लेकिन ड्राइवर बाहर नहीं निकल पाया। किशन को टेंपो में फंसा देखकर शांतिलाल उसे बचाने के लिए भागा और दोनों करंट की चपेट में आ गए। इसके बाद टेंपो में आग लग गई और टेंपो में फंसे किशन, शांतिलाल सहित दो घोड़ी जिंदा जल गई। घटना के बाद कैलाश और शिवलाल मदद के लिए शोर मचाने लगे।
दोनों की आवाज सुनकर स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और बिजली विभाग को सूचना दी और इलाके की लाइट बंद करवाई। ग्रामीणों ने दोनों को बचाने का प्रयास किया, लेकिन तब तक दोनों की मौत हो चुकी थी। लोगों ने पुलिस को सूचना दी। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों का कपासन हॉस्पिटल की मोर्चरी में पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिए है।
वहीं घटना के बाद स्थानीय लोगों ने बताया कि हादसे के बाद भी की लाइन में 11 केवी का करंट दौड़ रहा था। इसकी सूचना डिस्कॉम को भी दी गई थी, लेकिन फिर भी 1 घंटे तक सप्लाई चालू रही।
करंट की चपेट से घायल हुए शिवलाल तेली ने बताया कि हम तीन लोगों ने किसी तरह बाहर निकलकर अपनी जान बचाई। उन्होंने बताया कि ‘हम टेंपो से आ रहे थे। गांव रामथली के पास रास्ते में तार लटका हुआ था। तार के संपर्क में आने से अचानक टेंपो में करंट दौड़ गया। किसी तरह हम तीन लोग तो बाहर निकल गए, लेकिन ड्राइवर के साइड में तार होने के कारण किशन टेंपो से फंस गया। घोड़ी मालिक शांतिलाल उसे बचाने गया तो तार से करंट दौड़ने से टेंपो में चिंगारियां उठीं और वाहन आग लग गई। आग लगने से दोनों लोग और टेंपो में सवार दो घोड़ी भी जल गई।
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