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चंदीपुर। क्षेत्र के राजकीय प्राथमिक विद्यालय बामन गांव की टापरिया में बेमौसम मावठ और कड़ाके की ठंड में नौनिहाल 4 घंटे तक स्कूल खुलने का इंतजार करते रहे। घर से सुबह 10 बजे तैयार होकर जब नौनिहाल स्कूल पहुंचे तो स्कूल के दरवाजे पर ताला लटका मिला। विद्यार्थियों ने सोचा कि अध्यापक थोड़ी देर में स्कूल पहुंचकर ताले को खोल देंगे, लेकिन कड़ाके की ठंड में बैग उठाकर सुबह 10 से 1 बजे तक बच्चें शिक्षक का इंतजार करते रहे। इसी बीच वहां ग्रामीण पहुंचे, उन्होंने बच्चों से बाहर खड़े होने का कारण पूछा तो उन्हें बताया कि अभी तक शिक्षक नहीं आया है। इस वजह से स्कूल का दरवाजा बंद है और हम अध्यापक का इतंजार कर रहे है। सरकारी विद्यालय में शिक्षक समय से नहीं पहुंच रहे हैं, स्कूलों के बाहर बच्चे शिक्षकों का इंतजार करके घर वापस लौट जाते हैं। शिक्षकों की मनमानी के चलते स्कूली बच्चों का भविष्य अंधकार होता जा रहा है, खास तौर से प्राथमिक विद्यालय के बाहर स्कूली बच्चे अपने शिक्षकों का इंतजार करते हुए देखे जा सकते हैं। प्रदेश सरकार द्वारा लगातार शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए नित नए प्रयास किए जा रहे हैं, साथ ही सरकारी स्कूलों में बच्चों की शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए कार्य किए जा रहे हैं, मगर सरकार की शिक्षा प्रणाली की मंशा को शिक्षा विभाग के शिक्षक पलीता लगा रहे हैं।
समय से स्कूल नहीं खुल रहा है, साथ ही समय से पहले स्कूल बंद कर दिया जाता है जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है, वैसे मेरे घर के सामने ही स्कूल हैै मैं रोजाना देखता हूं स्कूल समय से नहीं खुल रहा है आज भी बच्चें 1 बजे तक अध्यापक का इंजतार करते रहें। आज बच्चें स्कूल के बाहर अध्यापक का इतंजार करते रहे, लेकिन अध्यापक स्कूल नही पहुंचे, वैसे रोजाना अध्यापक समय से स्कूल में नही पहुंचते और समय से पहले छुट्टी करके चले जाते है।
अचानक मेरी तबियत खराब हो जाने के कारण मैं वापस रास्ते में से घर पर आ गया, इसलिए स्कूल में नही पहुंच सका, मैंने पीइईओ में सूचना दे थी। अध्यापक ने फोन से सूचना दी की मेरी तबियत खराब है, मैं स्कूल नही पहुंच पाऊंगा। अगर समय से पहले सूचना मिल जाती तो मैं वहां व्यवस्था कर देता, लेकिन लेट सूचना मिलने के कारण वहां किसी को नहीं भेज सके। फिर भी में अध्यापक को कारण बताओ नोटिस जारी करूंगा।
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