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अलवर। ज्ञानवापी को लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करने पर सिर तन से जुदा का धमकी भरा पत्र मिलने के मामले में अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं होने पर शुक्रवार को भाजपा की महिला नेता चारुल अग्रवाल अपने पति के साथ पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंची। यहां दोनों ने पुलिस अधीक्षक से वार्ता की। उसके बाद चारुल अग्रवाल अपने पति के साथ सदर थाना पहुंची और जांच अधिकारी से मिली।
महिला नेता चारुल अग्रवाल ने आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी की मांग करते हुए आरोप लगाया कि पुलिस उनके पति को ही फंसाना चाहती हैं, जबकि उनके पति का कोई रोल नहीं है। पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने बताया कि घटना के बाद पुलिस अधिकारी उनके घर सुबह 9 बजे से लेकर रात को 10 बजे तक रहे और जांच की और डेमो करवाया, किस तरीके से पत्र मिला। कैसे मिला वहीं उनका दबाव बन रहा था कि इस बात को यहीं रफा-दफा करो और उनके पति इस मामले को कबूल कर ले।
महिला बोली-पति का कोई रोल नहीं
भाजपा नेत्री चारुल अग्रवाल ने आरोप लगाया कि पुलिस अधीक्षक इस बात को कह रही हैं कि उनके पति के ही बयान विरोधाभासी हैं जबकि ऐसी घटना होने के बाद कोई भी आदमी डिस्टर्ब हो जाता है तो निश्चित हो सकता है कि कोई बयान में बदलाव हो लेकिन इस मामले में उनके पति का कोई रोल नहीं है। उन्होंने बताया कि जब कोई महिला राजनीति में आती है। उसके सामने काफी चुनौतियां होती हैं, लेकिन उन चुनौतियों का सामना करने के लिए अपने पति से डिस्कर्स करते हैं और उसके बाद ही कोई कदम उठाती है।
उन्होंने इस मामले में पारदर्शिता से जांच कर पत्र देने वाले को गिरफ्तार करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि उनके पति निर्दोष हैं। उन्होंने बताया कि आज पुलिस अधीक्षक और सदर थाने में जांच अधिकारी से मिलने के बाद उन्होंने कहा है कि दोबारा से डेमो कराया जाएगा।
भारतीय जनता पार्टी की महिला नेता चारुल अग्रवाल को धमकी भरा पत्र मिलने के मामले में पुलिस अभी कोई नतीजे पर नहीं पहुंची है। लेकिन पुलिस का कहना है कि उनके पति से जब सवाल जवाब किए गए तो उनके विरोधी वासी बयान थे और वह संतुष्ट जवाब नहीं दे पाए। पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने बताया कि पत्र मिलने के बाद एसआईटी गठित की गई। सीओ ग्रामीण के नेतृत्व में सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए।
आसपास के लोगों जो नजर आ रहे थे, उनसे पूछताछ की गई तो उसमें संदिग्ध लग रहा था। पूछताछ की जा रही है और अभी इस मामले में अनुसंधान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अभी उन्हें प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से सुरक्षा दी जा रही है। क्योंकि पत्र में 25 सितंबर जान से मारने की धमकी दी गई थी, इसलिए उनको पूरी सुरक्षा दी गई और उस तारीख तक कुछ नहीं होने दिया।
न्यूज़ क्रेडिट: sachbedhadak
Admin4
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