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श्रीगंगानगर। श्रीगंगानगर नाइजीरियन गैंग देश में हेराेइन तस्करी के नए नए गिराेह चलाकर देश के युवाओं काे बर्बाद कर रही है। ये लाेग बड़ी चतुराई से नाइजीरिया से हेराेइन काे टेबलेट रूप में बनाकर भारत लाते हैं। देश में प्रवेश के इनके तरीकाें के बारे में अभी पूछताछ जारी है।जांच अधिकारी पुरानी आबादी एसएचओ सुरजीत श्याेराण ने बताया कि हजाराें की संख्या में दिल्ली में बस्तियां बनाकर रह रहे नाइजीरियन दिल्ली में अपने घराें में छाेटी लैब स्थापित कर फिर उससे इन टेबलेट्स काे पाउडर रूप में बदल लेते हैं। यह धंधा इतनी गहरी जड़ें जमा चुका है कि हेराेइन की मात्रा मिलीग्राम में ताे बेचते ही नहीं, ग्राम और किलाेग्राम के ही साैदे करते हैं। हाल ही दिल्ली से पकड़कर लाया गया नाइजीरियन नागरिक एकेनी (30) पुत्र सिमाेन ओजाे इगबाे निवासी अली नामब्रता, स्टेट नाइजीरिया हाल निवासी जी प्रोपर्टी, चंद्र विहार पुलिस थाना निहाल विहार, दिल्ली ने इस संबंध में चाैकाने वाले खुलासे किए हैं।
उसने बताया है कि दिल्ली में नाइजरिया से आकर अस्थायी रूप से हजाराें लाेग रह रहे हैं। इनमें से अधिकतर हेराेइन और अन्य नशाें की तस्करी का धंधा करते हैं। नाइजीरिया में हेराेइन का व्यापार प्रतिबंधित नहीं हाेने के कारण ये लाेग चाेरी छीपे हेराेइन काे भारत में लेकर आते हैं। आरोपी कृष्णराम सुधार पुत्र राजाराम निवासी वार्ड नंबर 18 नई मंडी घड़साना दिल्ली के नाइजीरियन से 151 ग्राम हेराेइन खरीदकर लाया था। दाेनाें रिमांड पर चल रहे हैं। अनूपगढ़ पुलिस ने 19 मार्च की शाम काे 19 एपीडी तिराहे पर नाकाबंदी में श्रीगंगानगर की पुरानी आबादी के चांदनी चाैक निवासी साहिल ग्राेवर (30) पुत्र संजीव ग्राेवर काे गिरफ्तार कर 151 ग्राम हेराेइन बरामद की थी। पूछताछ में बताया कि वह घड़साना के वार्ड 18 निवासी कृष्णराम सुथार पुत्र राजाराम के साथ मिलकर हिस्सेदारी में काम करता है।
कृष्ण सुथार से पूछताछ की ताे तीसरे दिल्ली निवासी नाइजीरियन के बारे में सुराग हाथ लगे। इसके बाद टीम दिल्ली पहुंची और नाइजीरियन नागरिक काे गिरफ्तार कर लिया। अब इनसे पूछताछ की जा रही है। एसएचओं सुरजीत श्याेराण ने बताया कि घड़साना निवासी आराेपी कृष्ण सुथार काे साथ लेकर गए थे। उसी से ऐकेनी ओजाे काे फाेन करवाकर हेराेइन का साैदा करने की काेशिश की। ऐकेनी स्कूटर पर आया और पहले कृष्ण काे बताए स्थान के आस पास घूमकर रैकी करता रहा। इसके बाद वह तेज गति से गायब हाे गया। फिर उसने दाे गली छाेड़कर बुलाया।
कृष्ण सुथार काे उस गली में भेजने से पहले पुलिस की दूसरी टीम ने गली में माेर्चा संभाला। आराेपी ने उस गली में भी बात नहीं की और रैकी कर फिर गायब हाे गया। तीसरी बार तीसरी जगह बुलाया। तब पुलिस की तीसरी टीम आराेपी कृष्ण सुथार काे लेकर पहुंंची। इस बार उसे घेरा देकर काबू करना चाहा लेकिन वह काफी फुर्तीला हाेने के कारण छुड़ाकर भाग निकला। करीब एक किलाेमीटर तक पीछे भागकर पकड़ा। जिला पुलिस इससे पहले भी नाइजीरियन गैंग के सदस्याें काे पकड़ चुकी है। पुलिस अधिकारियाें से बातचीत और उनके अनुभव के आधार पर सामने आया है कि नाइजीरिया के तस्कर दिल्ली में कई बस्तियाें में अधिक संख्या में बसे हुए हैं। ये लाेग सीधे ताैर पर तस्करी का साैदा तय नहीं करते। इसलिए इनकाे पकड़ना मुश्किल काम हाेता है। बिना पूरी याेजना और अच्छी टीम के पुलिस का इन तक पहुंच पाना मुश्किल टास्क है।
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