दावणगेरे : कर्नाटक विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही राज्य की ओर कांग्रेस ने रुख करना शुरू कर दिया है. मंगलवार की रात को यहां पहुंचे कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को चित्रदुर्ग में श्री मुरुघा मठ का दौरा किया. इस दौरान उनके साथ पार्टी नेता डी. के. शिवकुमार और के. सी. वेणुगोपाल भी शामिल थे. मठ में उन्होंने संतों से मुलाकात की. कर्नाटक की आबादी का लगभग 17 प्रतिशत लिंगायत पारंपरिक रूप से भाजपा के मतदाता रहे हैं.
संतों से मुलाकात के दौरान राहुल गांधी से एक संत ने कहा कि राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनेंगे. लेकिन तभी मठ के वरिष्ठ संत वहां आ पहुंचे और उन्हें आशीर्वाद देने लगे. जब इस बारे में मठ के प्रमुख संत श्री शिवमूर्ति मुरुघ शरणारू से बात की गई, तो उन्होंने कहा, "हमारे मठ में आने वाले शख्स को हम आशीर्वाद देते हैं. इसी तरह राहुल गांधी को भी आशीर्वाद प्राप्त हुआ."
चित्रदुर्ग में संतों से मुलाकात के बाद वे सिद्धारमैया के 75वें जन्मदिन पर आयोजित समारोह में राहुल गांधी शामिल हुए हैं. यहां समारोह में जनता को संबोधित कह कहा, "मैं जन्मदिन समारोह में नहीं जाता हूं, लेकिन यहां इसलिए आया हूं, क्योंकि मेरा सिद्धारमैया जी से एक विशेष संबंध है. जिस तरह उन्होंने कर्नाटक की पिछली सरकार को चलाया, उसकी मैं सराहना करता हूं." उन्होंने कहा कि सिद्धारमैया के नेतृत्व में कर्नाटक को दिशा मिली और उस सरकार में कर्नाटक के लोगों के लिए एक विजन था.
इधर, दावणगेरे जिले में पुणे-बेंगलुरु राजमार्ग पर छह किमी तक ट्रैफिक जाम देखा गया. ये ट्रैफिक जाम सिद्धारमैया के जन्मदिन पर शामिल होने के लिए आए उनके हजारों समर्थकों की वजह से लगा था.
बता दें कि राहुल गांधी पार्टी के कई कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए मंगलवार रात को राष्ट्रीय राजधानी से यहां पहुंचे. हुबली हवाईअड्डे पर पहुंचे कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राहुल का जोरदार स्वागत किया. राहुल गांधी यहां कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार, कर्नाटक कांग्रेस प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला और के.सी. वेणुगोपाल के साथ यहां आए हैं. इस मौके विपक्ष के नेता सिद्धारमैया, परिषद में विपक्ष के नेता बी.के. हरिप्रसाद और अन्य शीर्ष नेता उपस्थित थे और उन्होंने अपने नेता का गर्मजोशी से स्वागत किया.
राहुल गांधी राज्य कांग्रेस नेताओं के साथ हुबली में राजनीतिक मामलों की समिति की बैठक की अध्यक्षता की और सिद्धारमैया और शिवकुमार शिविरों के बीच आंतरिक संघर्ष के मुद्दे पर चर्चा की.