राजस्थान

प्राकृतिक आपदा की स्थिति से निपटने के लिए पूर्व तैयारी और सजगता जरूरी - जिला कलक्टर,

Tara Tandi
8 Jun 2023 1:41 PM GMT
प्राकृतिक आपदा की स्थिति से निपटने के लिए पूर्व तैयारी और सजगता जरूरी - जिला कलक्टर,
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जिला कलक्टर नरेन्द्र गुप्ता ने कहा कि प्राकृतिक आपदा की स्थिति से निपटने के लिए पूर्व तैयारी और सजगता जरूरी है अतः आपदा प्रबंधन से संबंधित विभागों को आगामी मानसून के मद्देनजर सजग होकर कार्य करने की आवश्यकता है।
जिला कलक्टर गुरूवार को मिनी सचिवालय सभागार में आगामी मानसून के तहत पूर्व तैयारी व जिला आपदा प्राधिकरण की बैठक में अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जिले में मानसून के दौरान 800 से 1000 एमएम तक वर्षा होती है जिससे जलभराव व बाढ़ की संभावना बनी रहती है। इस संबंध में प्राकृतिक आपदा से पूर्व किए गए प्रबंध से नुकसान को काफी कम किया जा सकता है और आमजन को त्वरित सहायता पहुंचाई जा सकती है। जिला कलक्टर ने कहा कि अतिवृष्टि व आपदा की स्थिति में आपदा प्रबंधन की गाइडलाइन के अनुसार कार्य करते हुए मालहानि व जनहानि को रोकने का प्रयास किया जाना चाहिए। जल संसाधन विभाग मौसम भविष्यवाणी के अनुसार मध्यप्रदेश व केचमेन्ट क्षेत्र में वर्षा की पूर्ण जानकारी रखते हुए जिले में सूचनाएं प्रसारित करवाएं। स्थानीय निकाय संबंधित क्षेत्रों में बड़े नालों, मेनहॉल, नालियों आदि से कचरा निस्तारण सुनिश्चित करें जिससे जल बहाव अवरूद्ध न हो। रसद विभाग आपदा प्रबंधन के तहत खाद्यान्न संबंधी व्यवस्था व स्टॉक सुनिश्चित करें। पशुपालन विभाग पशुओं में वर्षाजनित रोगों से बचाव के लिए टीकाकरण एवं दवाओं की व्यवस्था रखेंगे। जेवीवीएनएल द्वारा झूलते विद्युत तारों को दुरूस्त करने एवं खुले ट्रांसफार्मर को कवर कराएं। इसी क्रम में शिक्षा विभाग आपदा की स्थिति में डूब क्षेत्र के विद्यालयों को चिह्नित करते हुए बंद रखें जिससे कोई विद्यार्थी जल भराव में न फंसे। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग वर्षाजनित बीमारियों से बचाव के लिए जीवन रक्षक दवाओं, एम्बुलेंस की व्यवस्था करना सुनिश्चित करेंगे।
बैठक में एडीएम सत्यनारायण आमेठा ने इस संबंध में जिला स्तर, उपखंड स्तर एवं विभागीय स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित करने के लिए निर्देशित किया। उन्होंने स्थानीय अधिकारियों को बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए पूर्व में ही सुरक्षित स्थानों का चिह्निकरण कर भोजन एवं पेयजल जैसी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने को कहा। संबंधित विभाग को चिह्नित बांधों का निरीक्षण कर निगरानी करने एवं पानी भराव क्षमता की रिपोर्ट जांच के लिए पाबंद करते हुए आपदा की स्थिति में आवश्यक सामग्री की पूर्व व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा। अधिकारियों को सीमावर्ती जिलों एवं राज्यों से संबंध स्थापित करने के साथ विभागीय प्लानिंग मेनेजमेन्ट तैयार कर सबमिट करने के निर्देश प्रदान किए। सीएमएचओ बारां को मानसून के दौरान दूषित जल से होने वाली बीमारियों हैजा, पीलिया, मलेरिया आदि बचाव के लिए दवाओं की उपलब्धता रखने एवं नियंत्रण स्थापित करने के निर्देश दिए। इसी क्रम में बीएसएनएल को दूरभाष व्यवस्था सुचारू रखने हेतु निर्देशित किया गया। इसी क्रम में पीडब्ल्यूडी को बड़े खड्डों का चिह्निकरण कर उनकों भरने एवं चेतावनी बोर्ड लगाने, परिवहन विभाग को आवश्यकता पड़ने पर वाहनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने एवं स्काउट गाइड को आपदा की स्थिति में सहयोग के लिए तत्पर रहने को कहा। इसी क्रम में गोताखोर, लाईफ जैकेट, नाव आदि की व्यवस्था एसडीआरएफ के माध्यम से की जाएगी। बैठक में अन्य विभागों को भी आपदा प्रबंधन के संबंध में विभागीय स्तर पर बैठक कर कार्मिकों के दायित्व सुनिश्चित करने के निर्देश प्रदान किए गए। बैठक में समस्त उपखंड अधिकारी एवं विभिन्न विभागों के अधिकारीगण आदि मौजूद थे।
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