राजस्थान

विद्यार्थियों से भरी पिकअप पलटी

Admin4
21 March 2023 2:05 PM GMT
विद्यार्थियों से भरी पिकअप पलटी
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भरतपुर। राजस्थान के भरतपुर जिले में मंगलवार को हुए भीषण हादसे में दो दर्जन से ज्यादा बच्चे घायल हो गए। जिनमें से 6 बच्चों की हालत गंभीर बनी हुई है। गंभीर घायलों का जिला अस्पताल में उपचार जारी है। हादसा कामां-पहाड़ी रोड पर अलीगढ़ ढाबे के पास हुआ। जहां स्कूली बच्चों से भरी एक पिकअप गाड़ी अनियंत्रित होकर पलट गई। हादसे के बाद मौके पर चीख-पुकार मच गई। मौके पर मौजूद लोगों ने पिकअप में फंसे बच्चों को बाहर निकाला और पुलिस को सूचना दी।
हादसे की सूचना मिलते ही कामां थाना पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने सभी घायलों को एंबुलेंस की मदद से कामां के राजकीय अस्पताल पहुंचाया। जहां से 6 बच्चों को गंभीर हालत में भरतपुर के आरबीएम अस्पताल रैफर कर दिया। वहीं, 23 घायल बच्चों का कामां के सरकारी अस्पताल में उपचार जारी है। कामां थानाधिकारी ने बताया कि जिले में आज से 8वीं बोर्ड की परीक्षाएं शुरू हुई है, जो 11 अप्रैल तक चलेगी। पहले दिन दोपहर 2 से शाम 4.30 बजे तक अंग्रेजी विषय का पेपर होना था। गांव धर्मशाला से पिकअप में सवार होकर छात्र व छात्राएं 8वीं बोर्ड की परीक्षा देने कामां आ रहे थे। इसी दौरान दोपहर करीब एक बजे कामां-पहाड़ी रोड पर अलीगढ़ ढाबे के पास पिकअप अनियंत्रित होकर पलट गई। हादसे के वक्त पिकअप में शिक्षक और चालक सहित करीब 40 बच्चे सवार थे।
उन्होंने बताया कि हादसे में दो दर्जन से ज्यादा परीक्षार्थी घायल हो गए। ग्रामीणों की सूचना पर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को कामां के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां से 6 बच्चों को गंभीर हालत में जिला अस्पताल रैफर कर दिया। वहीं, 23 बच्चों का कामां के सरकारी अस्पताल में उपचार जारी है। इधर, हादसे की सूचना मिलते ही कामां अस्पताल के बाहर आसपास के क्षेत्रों के ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस बल तैनात किया गया। एसडीएम दिनेश शर्मा, डीएसपी प्रदीप यादव, ब्लॉक सीएमएचओ केडी शर्मा और ब्लॉक शिक्षा अधिकारी मनोज चौहान सहित आला अधिकारी सूचना मिलते ही कामां के राजकीय अस्पताल पहुंचे और घायलों बच्चों को हालचाल जाना।
प्रशासनिक अधिकारियों ने बच्चों के इलाज में किसी तरह की कोताही नहीं बरतने के निर्देश दिए। चिकित्सा अधिकारी प्रभारी राजपाल यादव ने भी बेहतर चिकित्सा व्यवस्था की। उन्होंने छुट्टी पर चल रहे स्टाफ के साथ अतिरिक्त स्टाफ को भी अस्पताल में बुलाया। ताकि बच्चों को उपचार में किसी तरह की परेशानी ना हो और समय पर बेहतर उपचार मुहैया कराया जा सके।
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