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सवाई माधोपुर प्रशासन की लापरवाही के कारण चारागाह भूमि पर अतिक्रमण के कारण मवेशियों पर इसका असर पड़ रहा है. चारागाह सिकुड़ने से आवारा पशुओं के सामने चारे और पानी का संकट खड़ा हो गया है। यही वजह है कि शहर और कस्बे की सड़कों पर आवारा जानवर इधर-उधर मारने को मजबूर हैं। ऐसा ही एक मामला बौंली तहसील के कराडी गांव में सामने आया है. यहां कुछ लोगों ने नाला, तलाई और चारागाह किस्म की करीब 800 बीघा जमीन पर कब्जा कर लिया और खेती करने लगे। कराडी के ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर से इस 800 बीघा चारागाह, नाला व तलाई भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने की मांग की.
न्यूज़ क्रेडिट : aapkarajasthan
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