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शांति एवं अहिंसा निदेशालय राजस्थान जयपुर के तत्वावधान में सोमवार को झालावाड़ में मिनी सचिवालय स्थित ऑडिटोरियम में एक दिवसीय संभाग स्तरीय अहिंसा सम्मेलन का आयोजन किया गया।
संभाग स्तरीय अहिंसा सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए शांति एवं अहिंसा विभाग के निदेशक मनीष शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की दूरगामी सोच के अनुरूप प्रदेश में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आदर्शों को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से प्रदेश में शांति एवं अहिंसा विभाग का गठन किया गया है। उसी के अन्तर्गत झालावाड़ जिले में एक दिवसीय अहिंसा सम्मेलन का आयोजन किया गया है। जिसका मुख्य उद्देश्य शांति एवं अहिंसा के क्षेत्र में कार्य करने वाले सामाजिक संगठनों, एनजीओ एवं स्वयं सहायता समूहों को जिला प्रशासन एवं राज्य सरकार के साथ जोड़कर गांधीजी के विचारों का प्रचार-प्रसार करना है।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार निरन्तर शांति एवं अहिंसा प्रकोष्ठ के स्वरूप को बढ़ाते हुए प्रकोष्ठ का ग्राम पंचायत स्तर, पंचायत समिति स्तर, नगर पालिका स्तर तक गठन, सदस्यों की संख्या में बढ़ोतरी एवं महिला सह संयोजक व युवा सह संयोजकों की नियुक्ति का कार्य किया जा रहा है।
महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति की जिला संयोजिका मीनाक्षी चन्द्रावत ने सम्मेलन में उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि अहिंसा के मार्ग पर चलकर जिस प्रकार महात्मा गांधी ने देश को आजादी दिलाई उसी प्रकार हमें भी इसी मार्ग पर चलकर देश के विकास एवं उन्नति में सहयोग देना चाहिए। अंहिसा का मतलब दूसरों के प्रति दया व करूणा का भाव रखना एवं हर जरूरतमंद की मदद करना भी होता हैं।
इस दौरान जिला कलक्टर आलोक रंजन ने कहा कि शांति व अहिंसा विभाग का मुख्य कार्य महात्मा गांधी के आदर्शों एवं विचारों को हर व्यक्ति तक पहुंचाना एवं उनका प्रचार-प्रसार करना है। इसमें जिला प्रशासन के साथ-साथ प्रत्येक जिले में गठित शांति एवं अहिंसा प्रकोष्ठ के सदस्यो की भी जिम्मेदारी है कि समाज में अगर कही कुछ गलत गतिविधियां हो रही हो या उनके कारण समाज के नैतिक मूल्यों को नुकसान पहुंच रहा हो तो उसी दौरान ऐसे प्रकरणों में हस्तक्षेप कर उनको रूकवाने का प्रयास करें।
सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए पुलिस अधीक्षक ऋचा तोमर ने कहा कि महात्मा गांधी जी के जीवन की कई घटनाएं हमारे जीवन को प्रभावित करती हैं। उन्होंने स्वयं का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने भी गांधीजी के जीवन की कई बातों से प्रेरणा लेकर उन्हें अपने जीवन में उतारने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि अपनी गलतियों को स्वीकार करते हुए उनमें सुधार करने की शक्ति हर व्यक्ति में होनी चाहिए। सच्चाई को अपनाने से ही हम जीवन में आगे बढ़ सकते हैं।
महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति के सह संयोजक आमिर खान ने संभाग स्तरीय अहिंसा सम्मेलन की सम्पूर्ण जानकारी देते हुए कहा कि इस तरह के आयोजनों के माध्यम से गांधीजी के आदर्शो एवं विचारों का आमजन में प्रसार कर समाज में फैली नकारात्मकता को समाप्त किए जाने का कार्य किया जाएगा।
सम्मेलन में विभिन्न वक्ताओं ने अपने-अपने शब्दों में महात्मा गांधी के विचारों एवं जीवन दर्शन को प्रदर्शित किया। जिनमें राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के व्याख्याता डॉ. प्रणव देव, राजकीय बालिका स्नातकोत्तर महाविद्यालय के व्याख्याता अजय मीणा, पार्षद मोहम्मद शफीक खान, ओम पाठक, पंकज मेहता, फरीद चौधरी एवं संभाग के अन्य जिलो से आए संयोजक एवं सह संयोजक शामिल रहे। वहीं सम्मेलन के दौरान सभी धर्मो के धर्मगुरूओं ने अपने-अपने धर्म के ग्रन्थों के विचारों को प्रस्तुत कर शांति एवं सौहार्द रखने की बात कही। वहीं जिला कलक्टर द्वारा उपस्थित सभी लोगों को मतदाता शपथ भी दिलाई गई। सम्मेलन में जिले से जोधपुर में आयोजित कस्तूरबा गांधी आवासीय शिविर में भाग लेने वाली महिलाओं को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस दौरान पूर्व विधायक स्नेहलता आर्य सहित विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
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Tara Tandi
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