x
बड़ी खबर
जैसलमेर की कलात्मकता, सुंदरता और शांत वातावरण के लिए देश-विदेश से पर्यटक आते हैं। लेकिन यहां पर्यटन सीजन शुरू होते ही अतिक्रमण का दौर भी शुरू हो जाता है। पर्यटकों को शान्त वातावरण देने वाला गडीसर तालाब एक बार फिर अतिक्रमणकारियों की भेंट चढ़ रहा है। नगर परिषद द्वारा 18 नवंबर को कार्रवाई करते हुए अस्थाई अतिक्रमणकारियों को खदेड़ा गया था। लेकिन सैलानियों की आमद से घुसपैठिए भी गढ़ीसर में अपना डेरा जमा रहे हैं। ऐसे में नगर परिषद की कार्रवाई का कोई औचित्य नहीं बचा है। इतना ही नहीं गडीसर आने वाले पर्यटकों को काफी मशक्कत के बाद गडीसर देखने को मिलता है। गौरतलब है कि शांत वातावरण में सैलानियों को सुकून देने वाला शहर का एकमात्र पर्यटन स्थल गड़ीसर सरोवर अब शोरगुल से भर गया है। गड़ीसर सरोवर की आभा को देखना अब पर्यटकों के लिए मुश्किल काम हो गया है। क्योंकि गड़ीसर सरोवर की आभा बिखेरने वाली कलात्मक छतरियां, कलात्मक बंगले, गडीसर गेट और गड़ीसर परिसर व्यावसायिक गतिविधियों के पीछे पूरी तरह से गायब हो गए हैं। इसके अलावा भीड़भाड़ को लेकर पर्यटकों से छीना-झपटी और बदसलूकी आम बात हो गई है। लेकिन जिम्मेदार को इसकी भनक तक नहीं है। इसका खामियाजा जैसलमेर पर्यटन को उठाना पड़ेगा। लेकिन इससे किसी को कोई सरोकार नहीं है।
पर्यटन स्थलों का सुधार भी नहीं होने से लोग परेशान हो रहे हैं। जैसलमेर में 2 से 5 फरवरी तक डेजर्ट फेस्टिवल का आयोजन किया जाना है। इस डेजर्ट फेस्टिवल में लाखों पर्यटकों के जैसलमेर पहुंचने की उम्मीद है। इसके लिए प्रशासन की ओर से शीर्ष स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन प्रशासन व नगर परिषद पर्यटन स्थलों की सुध नहीं ले रहा है। गडीसर भ्रमण पर पहुंचने वाले कई पर्यटक टूटे फर्श, ऊंट व घोड़ों के कारण घायल हो रहे हैं। लेकिन प्रशासन द्वारा न तो इन ऊंट-घोड़ा संचालकों पर रोक लगाई जा रही है। न ही नगर परिषद टूटे फर्श की मरम्मत कराने की जहमत उठा रही है। घाट से आ रही बदबू, चारों तरफ कचरा, गड़ीसर के सभी घाटों के पास इन दिनों कचरे का साम्राज्य है। इससे शाम को लाइट एंड साउंड शो देखने पहुंचे पर्यटकों को दुर्गंध के बीच बैठकर तमाशा देखना पड़ता है। इतना ही नहीं, गड़ीसर में एक जमाने में कपड़े धोने पर भी पाबंदी थी।
HARRY
Next Story