राजस्थान

विधायक श्री गौड़ ने 28 लाख से 17 एमएल में 3 इंटरलॉकिंग सड़क निर्माण का किया लोकार्पण-शिलान्यास -विकास

Tara Tandi
9 Jun 2023 2:11 PM GMT
विधायक श्री गौड़ ने 28 लाख से 17 एमएल में 3 इंटरलॉकिंग सड़क निर्माण का किया लोकार्पण-शिलान्यास -विकास
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हाथी घास के नाम से मशहूर नेपियर घास न केवल पशुओं में दुग्ध उत्पादन को बढ़ाती है बल्कि इससे पशुओं का स्वास्थ्य भी उत्तम रहता है।
मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की बजट घोषणा 2023-24 की अनुपालना में कृषि विभाग द्वारा राजस्थान बीज उत्पादन एवं वितरण मिशन के तहत जिले की प्रत्येक ग्राम पंचायत में नेपियर घास के दो प्रदर्शन प्रगतिशील पशुपालकाें के यहां एक हैक्टेयर भूमि पर लगाया जाएगा। इससे पशुओं के लिए हरे चारे की उपलब्धता बढ़ेगी और दुग्ध उत्पादन भी बढ़ेगा। विभाग द्वारा कृषक को एक हैक्टेयर पर अधिकतम 10 हजार रूपए प्रति प्रदर्शन अनुदान भौतिक सत्यापन उपरान्त देय होगा। प्रदर्शन आयोजन के लिए प्रगतिशील पशुपालक कृषको का चयन राज किसान साथी पोर्टल के माध्यम से संबंधित कृषि पर्यवेक्षक अथवा सहायक कृषि अधिकारी द्वारा जन आधार कार्ड का उपयोग करते हुए किया जाएगा। इसके पश्चात चयनित कृषक अधिकृत कृषक अथवा संस्था से रोपण सामग्री प्राप्त कर उपयोग में लेगा। भौतिक सत्यापन के उपरान्त अनुदान राशि का भुगतान कृषक के खाते में कर दिया जाएगा।
नेपियर घास लगती है डण्टल से
नेपियर पास बोने के लिए इसके डंठल को काम में लिया जाता है जिसे नेपियर स्टिक कहा जाता है। स्टिक को खेत में डेढ़ से दो फिट की दूरी पर रोपा जाता है। एक बीघा में करीब 4 हजार डंठल की आवश्यकता होती है। इसे जुलाई-अक्टूबर एवं फरवरी मार्च में बोया जा सकता है। इसके बीज नहीं होते है।
नेपियर स्टिक से भी मुनाफा
पशुपालक नेपियर घास लगाकर उससे प्राप्त होने वाली स्टिकस (रोपण सामग्री) को अगले पशुपालकों को बेचकर अतिरिक्त मुनाफा कमा सकते है। सीजन में अन्य गोशाला को भी मिलेगा लाभ जिन गाशालाओं में चारा उत्पादन करने की सुविधा है एवं सिंचाई के पर्याप्त साधन है उन गोशालाओं के पदाधिकारी भी अपने जनआधार से नेपियर घास के प्रदर्शन लगाने के लिए आवेदन कर सकते हैं।
पूरे वर्ष भर मिल सकेगा हरा चारा
नेपियर पास की पौष्टिकता अन्य सभी घासों की तुलना में सर्वाधिक होती है। इससे पशुधन को दुध उत्पादक क्षमता में वृद्धि होती है तथा यह बहुवर्षीय होने के कारण पूरे वर्षभर हरे चारे की कमी की समस्या से पशुपालकों को राहत मिलेगी।
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