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टोंक। टोंक पीपलू थाना क्षेत्र में सूचना मिलते ही ग्रामीण मौके पर पहुंचे और बजरी रॉयल्टी नाका कर्मचारियों पर युवक की हत्या का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया। उन्होंने हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर शव नहीं उठने दिया. दोपहर बाद गुस्साए ग्रामीणों ने बजरी रॉयल्टी नाका पर एक जीप व ट्रॉले में आग लगा दी। पांच मांगों को लेकर धरने पर बैठे. सूचना पर एसडीएम, डीएसपी, सीआई मय जाप्ते के मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों ने बताया कि युवक की हत्या की गयी है. उसकी नाक और मुंह पर चोट के निशान हैं. हत्यारों की गिरफ्तारी होनी चाहिए. मृतक के चाचा और भाई मौके पर पहुंचे, लेकिन युवक का शव देखकर बेहोश हो गए। मृतक युवक के पिता पारिवारिक काम से जयपुर जिले के गोनेर गए हुए थे. दोपहर में वे भी मौके पर पहुंचे। पिता ने कहा कि उनके बेटे की हत्या की गई है, उन्हें न्याय मिलना चाहिए. अधिकारी इस बात को मनाने में लगे हुए हैं कि शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाने दिया जाए. दोपहर साढ़े 12 बजे तक भी कोई समाधान नहीं निकला। युवक ड्राइवर था और अपने ट्रैक्टर से खेती करता था. वह अविवाहित था और उनके दो भाई थे।
पुलिस के अनुसार मृतक शंकर मीना (20) पुत्र पप्पू लाल मीना निवासी अरनिया कांकड़ ग्राम पंचायत कठमाणा थाना पीपलू का रहने वाला था। यह मंगलवार की शाम से घर से बाहर था. रात को घर नहीं लौटा। बुधवार सुबह करीब 6 बजे राहगीरों ने उसका शव गांव से करीब 30 किमी दूर डोडवाड़ी से गाता गांव की ओर जाने वाली सड़क के पास झाड़ियों में देखा। राहगीरों ने इसकी सूचना ग्रामीणों को दी. लोगों द्वारा युवक को पहचानने पर इसकी जानकारी परिजनों व पुलिस को दी गयी. बाद में थाना प्रभारी प्रहलाद सहाय वर्मा मय जाप्ते के मौके पर पहुंचे और शव को अस्पताल ले जाने को कहा तो लोगों ने इसे हत्या बताते हुए हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए शव उठाने से इनकार कर दिया. करीब दस बजे मृतक का भाई व चाचा आये। इस बीच एसडीओ वर्षा शर्मा और डीएसपी इंदु लोदी भी मौके पर पहुंची और परिजनों से बातचीत की. थाना प्रभारी प्रह्लाद सहाय ने बताया कि परिजनों से बातचीत चल रही है.
इस मामले में आरएलपी प्रमुख हनुमान बेनीवाल ने ट्वीट कर कहा कि बजरी माफिया ने एक किसान की जान ले ली. वहीं, गुस्साए ग्रामीणों और परिजनों ने घटना स्थल से एक किमी दूर बजरी रॉयल्टी नाका की जीप और ट्रॉली में आग लगा दी. परिजन पांच मांगों को लेकर मौके पर ही धरने पर बैठ गये. पांच प्रमुख मांगों में एक करोड़ का मुआवजा, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी, प्रदर्शनकारियों पर कोई मुकदमा दर्ज न किया जाए और ब्लॉक पर मौजूद कर्मचारियों को हटाया जाए। जिस पुलिसकर्मी ने इसमें सहयोग किया है उसे निलंबित किया जाना चाहिए.
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