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मध्यस्थता वैकल्पिक विवाद निस्तारण का एक ऐसा प्रभावी माध्यम है, जिसमें विवादग्रस्त पक्ष साथ आकर स्वयं ही एक सर्वमान्य समझौता तैयार करते हैं।’ यह विचार राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (रालसा) के निदेशक श्री संजय कुमार ने बुधवार को व्यक्त किए। श्री कुमार रालसा की ओर से सेवानिवृत्त एवं सेवारत न्यायिक अधिकारियों व अधिवक्तागण के लिए आयोजित 40 घंटे के मध्यस्थता प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन सत्र को अध्यक्ष के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस मध्यस्थता प्रशिक्षण कार्यक्रम से न केवल प्रतिभागीगण लाभान्वित हुए हैं, बल्कि आमजन तक भी मध्यस्थता के फायदे का संदेश पहुंचा है।
रालसा के कार्यकारी अध्यक्ष एवं राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधिपति श्री मनेन्द्र मोहन श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में आयोजित किए गए 40 घंटे के इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का आरंभ 27 मई को हुआ था तथा इसका समापन 31 मई को दोपहर बाद हुआ। कार्यक्रम के अंत में विशिष्ट सचिव, रालसा श्री पुरुषोत्तम लाल सैनी ने से धन्यवाद ज्ञापित किया ।
Tara Tandi
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