राजस्थान

3 साल की बच्ची से रेप के आरोपी को उम्रकैद

Admin4
19 Jan 2023 1:29 PM GMT
3 साल की बच्ची से रेप के आरोपी को उम्रकैद
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भीलवाड़ा। भीलवाड़ा शहर में पिछले साल 20 फरवरी को 3 साल की बच्ची से दुष्कर्म करने वाले आरोपी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. आरोपी पर 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। पिछले 11 महीनों में पुलिस ने आरोपी के खिलाफ 40 गवाह और 44 कागजात पेश किए। विशेष लोक अभियोजक हर्ष रांका ने बताया कि गत वर्ष 20 फरवरी को शहर के भीमगंज थाने में किराए के कमरे में रहने वाले परबतसर निवासी हनुमान उर्फ बापू (39) पुत्र कृष्णाराम मेघवाल की 3 वर्षीय मासूम के साथ दुष्कर्म किया था. मोहल्ले वालों ने उसे पकड़ लिया और उसकी पिटाई कर दी। पुलिस ने मासूम व घायल आरोपी को एमबी अस्पताल में भर्ती कराया था। उसके बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। मंगलवार को कोर्ट ने आरोपी को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
3 माह की मासूम से दुष्कर्म के मामले में फैसला सुनाते हुए जज देवेंद्र सिंह नागर ने कहा कि समाज में रेप से जुड़े अपराधों की संख्या लगातार बढ़ रही है. इससे आज भारतीय समाज में महिलाओं और लड़कियों की गरिमा की सुरक्षा पर गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है। ऐसे में नाबालिग पीड़िता के साथ दुष्कर्म का अपराध गंभीर है. इसका समाज की आंतरिक चेतना और सामाजिक शांति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। वर्तमान समय में बच्चों के साथ होने वाले बलात्कार एवं यौन अपराधों की घटनाओं में वृद्धि के कारण सामाजिक परिवेश में महिलाएं एवं बच्चियां अपने आप को अत्यधिक असुरक्षित महसूस कर रही हैं। ऐसे में अपराधियों को त्वरित गति से सजा नहीं मिलने और उचित सजा नहीं मिलने से उनके इस तरह के अपराध करने के हौसले बढ़ रहे हैं.
ऐसे अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए जरूरी है कि अपराधियों के मन में इस तरह के आपराधिक कृत्य के परिणाम का भय बना रहे। इस तरह के गंभीर और जघन्य अपराध में अगर अपराधी के साथ नरमी बरती जाती है तो उसके फिर से अपराध करने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है. इस प्रकार की कुंठित विकृत मानसिकता के अपराधी जो 3 वर्ष की मासूम बच्ची को अपनी हवस का शिकार बनाकर उसके साथ दुष्कर्म व यौन शोषण जैसे जघन्य अपराध को अंजाम देते हैं। वे आरोपी समाज में एक ऐसी लाइलाज बीमारी की तरह हैं। जिसमें समाज को सुरक्षित रखने के लिए समाज से अलग होना जरूरी है। क्योंकि ऐसा व्यक्ति समाज के लिए और स्वस्थ सामाजिक व्यवस्था के लिए विष के समान घातक होता है। आरोपी का कृत्य समाज और मानवता के खिलाफ बेहद संगीन अपराध की श्रेणी में आता है।
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