Kota : कोटा में करोड़ों की ठगी करने वाला भूमाफिया पुलिस की गिरफ्त में आ चुका है। उसे 23सितंबर तक पुलिस की रिमांड पर रखा गया है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि एक भूमाफिया ने अपनी इतनी ऊंची पहुंच बनाकर सरकारी जमीनें तक बेच डाली। इस मामले की जांच पुलिस ने शुरू कर दी है। अभी तक हुई जांच में सामने आया है कि आरोपी पर पहले से 12 आपराधिक मामले दर्ज हैं।
कोटा का एक भूमाफिया भी महाठग की श्रेणी में आ गया है। जानकारी के मुताबिक आरोपी भूमाफिया धनकिशोर व्यास ने हनुवंतखेड़ा स्थित सरकारी जमीन को बेच कर लगभग 1 करोड़ 10 लाख रुपए ठग लिए। इस मामले की रिपोर्ट रेलवे कॉलोनी थाने में भी दर्ज है। जब दोनों मामलों की जांच की गई तो ये एक ही पाए गए। पुलिस ने 3 आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था। लेकिन मुख्य आरोपी धनकिशोर व्यास फरार होने में कामयाब हो गया था।
प्रशासनिक अधिकारियों की लगाई फर्जी मुहरें
क्योंकि मामला सरकारी जमीन से जुड़ा हुआ था इसलिए आरोपी भूमाफिया की तलाश में पुलिस ने रात दिन एक करते हुए आखिरकार आरोपी को जयपुर के आमेर से 3 सितंबर को पकड़ लिया गया था। जिसके बाद आरोपी से पूछताछ का दौर शुरू हुआ। आरोपी ने बताया कि उसने हनुवंतखेड़ा स्थित सरकारी जमीन के कागज में कई बड़े सरकारी अधिकारियों की फर्जी सील बनवाकर मुहरें लगाई थी। उसने मुख्य शासन सचिव, कोटा क जिला कलेक्टर, लाडपुरा के तहसीलदार, एसडीएस, यूआईटी सचिव की फर्जी सील औऱ फर्जी आदेश जारी कर राजस्व रिकॉर्ड तक तैयार कर लिया था।
इच्छामृत्यू का झूठा परिवाद किया दाखिल
इन फर्जी दस्तावेजों के जरिए सरकारी जमीन को अपना बताया औऱ 10 करोड़ 50 लाख रुपए का सौदा करा दिया। जिसके माफिया को 1 करोड़ 10 लाख रुपए एडवांस में मिले। जब आरोपी को पता चला कि उसके कारनामे का भांडा फूट गया है को वह फरार हो गया। वग अलग-अलग जिलों के मंदिर-मठ-धर्मशालाओं में अपनी पहचान औऱ भेष बदल-बदल कर छिपकर रहने लगा। यही नहीं अपनी ऊंची पहुंच का सहारा लेकर उसने राष्ट्रपति के नाम झूठा परिवाद दाखिल किया, इसमें उसने आत्महत्या या इच्छामृत्यू की मांग की। इसका सोशल मीडिया पर उसने वीडियो भी पोस्ट किया था।
न्यूज़क्रेडिट: sachbedhadak