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कोटा न्यूज
कोटा। अतिवृष्टि से सोयाबीन फसल में खराबा और विदेशों से आयात महंगा होने के कारण खाद्य तेलों के दाम में भारी इजाफा हुआ है। पिछले कुछ दिनों से कोटा शहर में खाद्य तेलों के दामों में रोजाना बढ़ोतरी हो रही है। तीन दिन में ही तेल के कई ब्रांडों में तीन सौ रुपए तक की वृद्धि हो चुकी है। त्योहारी सीजन के चलते आने वाले दिनों में उपभोक्ताओं को इसके लिए अपनी जेब और ढीली करनी पड़ सकती है, क्योंकि खाद्य तेल की महंगाई से राहत मिलने के फिलहाल आसार नहीं दिख रहे हैं।
फसल हुई खराब, उत्पादन भी घटा
प्रदेश के कोटा संभाग सहित विभिन्न क्षेत्रों में लाखों हैक्टेयर में सोयाबीन फसल की बुवाई की जाती है। इस बार भी कोटा संभाग में साढ़े सात लाख हैक्टेयर में सोयाबीन की बुवाई है। गत दिनों हुई बारिश के कारण सोयाबीन की अधिकांश फसल खराब हो गई। इसके बाद ही सोयाबीन ब्रांड के तेलों के दाम तेज गति से बढ़ने लगे। इधर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा भी पिछले सप्ताह बुवाई के आंकड़े जारी किए गए थे। जिसमें इस साल तिलहन फसलों का रकबा देशभर में पिछले साल से 2.47 लाख हैक्टेयर कम रहने का अनुमान जताया गया था। उत्पादन कम होने की आशंका के चलते भी दाम में बढ़ोतरी हुई। दाम इतनी तेजी से बढेÞ कि कुछ ब्रांडों में तीन सौ रुपए तक की बढ़ोतरी हो गई।
ऐसे बढ़ा दामों का ग्राफ
कोटा शहर के किराना बाजार में तीन दिन पहले रिफाइंड तेल के दाम में गिरावट हो रही थी। कई ब्रांडों की कीमत चार सौ रुपए तक टूट गई थी। दीपज्योति ब्रांड की कीमत तीन दिन पहले 1920 रुपए प्रति टीन पर पहुंच गई थी। इसी दौरान सोयाबीन फसल में खराबा होते ही मंगलवार को इसके दाम 2195 रुपए तक पहुंच गए। तीन दिन में दाम में करीब तीन सौ रुपए का इजाफा हो गया। रिफाइंड सहित मूंगफली तेल के अन्य ब्रांडों के दाम में भी काफी इजाफा हो गया।
कोटा के तेल व्यापारियों के अनुसार मलेशिया एवं इंडोनेशिया से लगातार पाम तेल का आयात महंगा होने से खाद्य तेल की महंगाई आने वाले दिनों में और बढ़ सकती है। भारत दुनिया का दुनिया का सबसे बड़ा खाद्य तेल आयातक है, जो खाद्य तेल की अपनी जरूरतों के अधिकांश हिस्से की पूर्ति आयात से करता है। मलेशिया और इंडोनेशिया से पाम तेल आयात लगातार महंगा होता जा रहा है। इसी दौरान अर्जेटीना ने भी सोया तेल पर निर्यात शुल्क 25 फीसदी से बढ़ाकर 30 फीसदी कर दिया है। ऐसे में विदेशों से आयात महंगा होने के कारण खाने के तेल के दामों में भारी इजाफा हो गया।
इनका कहना है
संभाग सहित प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में सोयाबीन में खराबे की सूचना मिलते ही खाद्य तेलों के दाम में बढ़ोतरी हो गई है। त्योहारी सीजन होने के कारण मांग की अधिकता से भी दाम बढ़े हैं। वहीं विदेशों से सोयाबीन पॉम का आयात भी महंगा हो गया। ऐसे में तेलों में दामों में ज्यादा तेजी हो रही है।
-दीपक दलाल, तेल-तिलहन व्यापारी
Gulabi Jagat
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