राजस्थान

पौधारोपण कर उनका संरक्षण करके प्रकृति को संजोकर रखना हम सबकी जिम्मेदारी है

Tara Tandi
11 Aug 2023 2:32 PM GMT
पौधारोपण कर उनका संरक्षण करके प्रकृति को संजोकर रखना हम सबकी जिम्मेदारी है
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जिला प्रशासन, वन विभाग एवं न्यायिक प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में शुक्रवार को माननीय न्यायाधिपति श्री उमाशंकर व्यास न्यायाधीश राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य आतिथ्य में राजकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय झालावाड़ में वन महोत्सव का आयोजन किया गया।
वन महोत्सव के समारोह को सम्बोधित करते हुए न्यायाधिपति श्री व्यास ने कहा कि वन विभाग के माध्यम से प्रकृति एवं वन संरक्षण के लिए आमजन को जागरूक करने का बेहतरीन कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम सभी को बदलती जीवन शैली में भी प्रकृति का हर स्वरूप में आनन्द लेना चाहिए। पौधारोपण कर उनका संरक्षण करके प्रकृति को संजोकर रखना हम सबकी जिम्मेदारी है। प्रकृति का संरक्षण केवल पौधे लगाना ही नहीं बल्कि पौधों का पालन-पोषण कर उनको विकसित करना है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति एवं संस्था को उनकी क्षमता के अनुरूप पौधे लगाने एवं उनके सरंक्षण का संकल्प लेना चाहिए।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए जिला कलक्टर आलोक रंजन ने कहा कि प्रकृति से ही हमें न्याय के बारे में सीखा है। हम प्रकृति को संजोकर रखेंगे तो ही हम सभी के जीवन का विकास संभव है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए नई सोच के साथ वन महोत्सव पर पॉलिटेक्निक महाविद्यालय परिसर में 1000 पौधे लगाए जा रहे हैं। उन्होंने सभी से अपील की है कि प्रकृति के सौन्दर्य एवं संरक्षण के लिए अधिक से अधिक पौधे लगाएं।
समारोह में जिला एवं सत्र न्यायाधीश सिया रघुनाथ दान ने कहा कि पेड़-पौधों से हम प्राणवायु मिलती है और प्राणवायु का सीधा संबंध हमारे जीवन से है। इसलिए हम सभी का दायित्व है अधिक से अधिक पौधारोपण कर प्रकृति के संतुलन को बनाए रखें ताकि भविष्य में प्रकृति से हमें वो सबकुछ मिलता रहे जो जिसकी हमें आवश्यकता है।
इस दौरान विशिष्ट अतिथि के रूप में पुलिस अधीक्षक ऋचा तोमर ने कहा कि वन महोत्सव मनाने का मुख्य उद्देश्य आमजन के अन्दर पौधों की महत्ता को पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि पेड़-पौधे हमें निस्वार्थ भाव से सेवा करना सिखाते हैं। प्रकृति हमसे कुछ मांगती नहीं सिर्फ देती है इसलिए हमारा भी दायित्व है कि अधिक से अधिक पौधारोपण कर उनका पालन-पोषण अच्छे से किया जाए। पेड़-पौधों की उपयोगिता को समझकर प्रकृति के संरक्षण में कार्य करना हम सबकी नैतिक जिम्मेदारी है। हमें बच्चों को इनकी उपयोगिता की जानकारी देना आवश्यक है।
समारोह में उप वन सरंक्षक वी. चेतन कुमार ने बताया कि वन महोत्सव सन् 1950 से मनाया जा रहा है। इसी कड़ी में इस वर्ष वन महोत्सव के दौरान पॉलिटेक्निक महाविद्यालय परिसर में 1000 पौधे लगाने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष वन्य क्षेत्र में वन विभाग द्वारा 10 लाख 50 हजार पौधे लगाए जा चुके हैं जबकि विभिन्न संगठनों एवं एनजीओ के माध्यम से अन्य क्षेत्रों में लगभग 2.50 लाख पौधे लगाए जाने का कार्य किया गया है। इसके अतिरिक्त वेट लैण्ड बड़बेला तालाब पर लव-कुश वाटिका भी विकसित की जा रही है। उन्होंने अधिक से अधिक लोगों को पौधारोपण कर प्रकृति के संरक्षण में सहयोग देने की अपील की।
समारोह के दौरान वन विकास एवं वन सुरक्षा की दृष्टि से वर्ष 2023-24 में उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों एवं संस्थाओं को विभिन्न श्रेणियों वृक्षवर्धक पुरस्कार, वन प्रहरी पुरस्कार, वन विस्तारक पुरस्कार एवं वनपालक पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
समारोह के दौरान अतिरिक्त जिला कलक्टर राधेश्याम डेलू, जिला परिषद् के मुख्य कार्यकारी अधिकारी नरेन्द्र सिंह रापुरोहित, जिला विधिक एवं सेवा प्राधिकरण के सचिव लोकेश कुमार शर्मा, विमेंस विंग्स फाउण्डेशन, लायंस क्लब, वैश्य समाज सहित वन संरक्षण के क्षेत्र में कार्य करने वाले कई समाज सेवक, जिला स्तरीय अधिकारीगण उपस्थित रहे। मंच संचालन पूनम रौतेला ने किया।
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