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जोधपुर: राजस्थान हाईकोर्ट, जोधपुर ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज एक एफआईआर को रद्द कर दिया. एक युवक पर सोलह वर्षीय लड़की के साथ सम्बन्ध बनाने और उससे कारण एक बच्चे का जन्म होने पर पुलिस ने मामला दर्ज किया था.
हाईकोर्ट ने अपने निर्णय में कहा कि कोर्ट किसी नाबालिग के साथ सेक्सुअल सम्बन्ध बनाने के पक्षधर नहीं है और न ही किसी को ऐसा करने की अनुमति प्रदान करता है. लेकिन यह कटु सत्य है कि प्यार किसी कानूनी या सामाजित नियमों को ध्यान में रख नहीं होता. बेकाबू भावनाओं और नासमझी में दो लोगों के बीच बने सम्बन्धों में बात इतनी आगे बढ़ गई कि एक बच्चा पैदा हो गया, जबकि दोनों में से एक नाबालिग है.
न्यायाधीश दिनेश मेहता ने कहा कि ऐसे मामलों में कोर्ट मूक दर्शक नहीं रह सकता. यदि इस केस को आगे बढ़ाया गया तो याचिकाकर्ता को दस वर्ष की सजा हो सकती है. इसका सीधा प्रभाव दोनों के परिवार के साथ ही प्रेम प्रसंग के बाद उपजे बच्चे पर पड़ेगा. इन सभी को ध्यान में रखते हुए याचिकाकर्ता के खिलाफ दर्ज एफआईआर को खारिज किया जाता है.
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