राजस्थान

हाईकोर्ट ने पुलिस से मांगी जांच रिपोर्ट, जिला डेयरी ने फिर दाखिल की याचिका

Shantanu Roy
23 July 2023 11:56 AM GMT
हाईकोर्ट ने पुलिस से मांगी जांच रिपोर्ट, जिला डेयरी ने फिर दाखिल की याचिका
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नागौर। नागौर राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर ने नागौर डेयरी के दूध परिवहन में हुई करीब आठ करोड़ की अनियमितता के मामले में नागौर पुलिस को तलब किया है। जस्टिस मनोज गर्ग ने आदेश में पुलिस से आरोपियों के खिलाफ किए गए अनुसंधान की तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है। नवंबर 21 में कोतवाली थाने में दर्ज हुए इस मामले में नागौर डेयरी चौथी बार हाईकोर्ट पहुंची है। अधिवक्ता बीपी माथुर की ओर से दर्ज इस फौजदारी रिट याचिका में कहा गया है कि पुलिस ने अभी तक आरोपियों के खिलाफ कोई ठोक कार्रवाई नहीं की है जबकि संघ पहले ही सभी दस्तावेज/साक्ष्य जांच अधिकारी को सौंप चुका है। ठेकेदारों की रिट याचिका जनवरी में खारिज हो गई पर अब तक उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया।
पुलिस के इस रवैये को लेकर नागौर डेयरी की ओर से प्रबंध संचालक भरत सिंह चौधरी की ओर से फौजदारी रिट याचिका में अनुसंधान पुलिस से हस्तांरित कर अन्य एजेंसी सीबी सीआईडी को देने की अपील की। इस पर राजस्थान उच्च न्यायालय ने दो सप्ताह में अनुसंधान की रिपोर्ट पेश करने को कहा है। सूत्रों के अनुसार नवम्बर 2021 से यह मामला चल रहा है। जनवरी को हाईकोर्ट जोधपुर के आदेश के बाद भी ठेकेदारों पर कार्रवाई नहीं हुई। डेयरी प्रबंधन दावा करता है कि वो इस बाबत बार-बार पुलिस अधिकारियों से कार्रवाई की कह रहे हैं। ऐसे में डेयरी प्रबंधन के फंसे दस करोड़ की वसूली नहीं हो पा रही है।
नवंबर 2021 को कोतवाली में दर्ज इस मामले में ठेकेदार रामचंद्र चौधरी, लीला ट्रेडर्स के मालाराम, विजय चौधरी, रामनिवास चौधरी और राजूराम के खिलाफ धोखाधड़ी/गबन का मामला दर्ज किया गया था. यह रकम दस करोड़ से अधिक हो गई है। पहले जांच कोतवाली के तत्कालीन एसआई बनवारीलाल ने की और बाद में हाईकोर्ट के हस्तक्षेप पर जांच सीओ विनोद कुमार सीपा को दी गई। अब उनका भी तबादला कर दिया गया है. दुग्ध परिवहन वाहन को एक या दो दिन से अधिक के लिए उधार देने का कोई नियम नहीं है, तो यह दो साल तक कैसे चला, यह सवाल अब तक बना हुआ है। इन पांचों ठेकेदारों की गाड़ियां दूध परिवहन में लगी थीं और इन्होंने आंखों में धूल झोंककर कोरोना काल का फायदा उठाया. हाईकोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद पुलिस इन पांचों ठेकेदारों की तलाश में जुट गई, लेकिन अब तक उनका पता नहीं चल सका है.
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