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जयपुर। गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति ने प्रदेश सरकार को चेतावनी दी है कि गुर्जर समाज की लंबित मांगे यदि एक महीने में नहीं पूरी की गई, तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सभाओं और दौरों का विरोध किया जाएगा। समिति के पदाधिकारी शैलेंद्र सिंह, कैप्टन जगराम सिंह और हाकम सिंह ने कहा कि गुर्जर समाज की लंबित मांगे सरकार के पास लंबित है। इसलिए हम सरकार को एक महीने का समय दे रहे है। राहुल गांधी की सभा का विरोध करने का गुर्जर समाज का कोई निर्णय नहीं है। समाज की पंचायत में आंदोलन का निर्णय लिया जाएगा। विजय बैंसला के भारत जोड़ो यात्रा रोकने के मुद्दे पर कहा कि यह विजय बैंसला का व्यक्तिगत विचार है। समाज का विचार नहीं है। समाज में तो पंचायत के जरिए ही फैसला होता है। समाज ने पंचायत के दौरान ही किरोड़ी बैसला को आंदोलन का कार्य दिया था और अब भी पंचायत के माध्यम से ही आंदोलन का नेतृत्व करने वाले का नाम चुना जाएगा।
लंबित मांगों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि आरक्षण आंदोलन के दौरान शहीद हुए गुर्जर समाज के लोगों को 5-5 लाख का मुआवजा, सरकारी नौकरी, गुर्जर समाज के लोगों आंदोलनों में हुए केस वापस लेने, रीट परीक्षा में एमबीसी का 5 प्रतिशत आरक्षण का बैकलॉग भरने और देवनारायण योजना में योजनाओं में हुए भ्रष्टाचार की जांच कराकर कार्रवाई की की जाएं। केंद्र सरकार से भी पिछड़ा वर्ग संशोधन अधिनियम को 9वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग की है। हाकम सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत करौली के दौरे पर आएंगे। गहलोत अगर हमारी मांगों को पूरी किए बिना आए, तो गुर्जर समाज के युवा उनका विरोध करेंगे।
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न्यूज़ क्रेडिट: dainiknavajyoti
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