राजस्थान

OBC आरक्षण संशोधन पर खोला मोर्चा, गहलोत सरकार के खिलाफ कांग्रेस के पूर्व मंत्री का हल्लाबोल

Admin4
8 Aug 2022 2:14 PM GMT
OBC आरक्षण संशोधन पर खोला मोर्चा, गहलोत सरकार के खिलाफ कांग्रेस के पूर्व मंत्री का हल्लाबोल
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न्यूज़क्रेडिट:आजतक

राजस्थान की गहलोत सरकार के खिलाफ पूर्व मंत्री हरीश चौधरी सोमवार को सड़कों पर उतर गए. उन्होंने ओबीसी आरक्षण में संशोधन को लेकर सरकार को चेतावनी तक दे डाली. चौधरी ने कहा कि अगर सरकार इस संशोधन को वापस नहीं लेती है तो आने वाले समय में हजारों युवा इसका जवाब देंगे. बाड़मेर जिला मुख्यालय पर सोमवार को जमकर प्रदर्शन किया गया और नारेबाजी की गई.

पहली बार हरीश चौधरी के आह्वान पर बीजेपी के पूर्व सांसद कर्नल सोनाराम चौधरी से लेकर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के नेता एक ही मंच पर इस मुद्दे पर नजर आए. बता दें कि हरीश चौधरी गहलोत सरकार में मंत्री रहे हैं. कांग्रेस ने उन्हें इसी साल पंजाब का प्रभारी बनाया है. उसके बाद उन्होंने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया था.

बीजेपी नेता भी समर्थन में उतरे

बता दें कि राजस्थान में साल 2018 में वसुंधरा सरकार के दौरान ओबीसी आरक्षण में संशोधन किया गया था. सरकारी भर्तियों में कार्मिक विभाग ने जो रोस्टर जारी किया था, अब यही प्रारूप गहलोत सरकार के लिए सिर दर्द बन गया है.

इसका लगातार विरोध किया जा रहा है. सोमवार को बाड़मेर जिला मुख्यालय पर हजारों की संख्या में युवाओं के साथ हरीश चौधरी और कर्नल सोनाराम चौधरी गहलोत सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे.

मैंने सीएम से मुलाकात की, मगर सुनवाई नहीं: चौधरी

पूर्व राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने 'आजतक' से बातचीत में कहा कि कार्मिक विभाग इस मामले में लीपापोती कर रहा है, इसीलिए मजबूरन आज हमें सड़कों पर उतरना पड़ा है. 2018 में तत्कालीन वसुंधरा सरकार के ओबीसी प्रारूप के चलते पिछले 2 सालों में युवाओं को नौकरियों से वंचित रहना पड़ा है, इसको लेकर मैंने सीएम से मुलाकात भी की थी, लेकिन इस मामले पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, इसलिए आज युवाओं के आह्वान पर सड़कों पर उतरे हैं.

समय रहते मांग पूरी हो, वरना जयपुर कूच करेंगे: पूर्व सांसद

पूर्व सांसद कर्नल सोनाराम चौधरी ने आजतक से खास बातचीत में कहा कि ये लापरवाही कार्मिक विभाग की नहीं है, राजनीति के चलते ओबीसी युवाओं के आरक्षण के हक को मारा जा रहा है. सीएम गहलोत सरकार से मैं आह्वान करता हूं कि समय रहते 2018 से पहले के सिस्टम को फिर से लागू किया जाए. अन्यथा आगामी दिनों में हम जयपुर कूच करेंगे, यह मेरी सरकार को चेतावनी है.

यह है पूरा मामला

दरअसल, कार्मिक विभाग ने ओबीसी आरक्षण में संशोधन करते हुए 17 अप्रैल 2018 को एक आदेश जारी किया था. जिसमें भूतपूर्व सैनिकों को मिल रहे 12.5 फीसदी आरक्षण को समाप्त कर दिया गया था और भूतपूर्व सैनिकों को ओबीसी वर्ग के 21% आरक्षण में शामिल कर दिया गया था. ऐसे में साल 2018 के बाद हुई भर्तियों में से अधिकांश भर्तियों में भूतपूर्व सैनिकों को ही ओबीसी वर्ग के 21 प्रतिशत आरक्षण में नौकरी दी गई है. वहीं, ओबीसी वर्ग के बेरोजगार युवाओं का इन नौकरियों में नंबर नहीं लग पाया. ऐसे में युवाओं में नाराजगी देखने को मिल रही है


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