राजस्थान
माउण्ट आबू के समग्र विकास के लिए राज्यपाल ने दिए निर्देश ’ईको फ्रेण्डली’ माउण्ट आबू बनाने के हों प्रयास
Tara Tandi
14 Jun 2023 11:24 AM GMT
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राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने स्वामी विवेकानंद के आबू पर्वत प्रवास की साक्षी ‘‘चम्पा गुफा‘‘ का जीर्णाेद्धार करने, आबू को ’ईको फ्रेण्डली’ पर्यटन स्थल बनाने, गोल्फ मैदान को अतिक्रमण से मुक्त करवाने के लिए प्रभावी कार्य किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने आबू पर्वत आने वाले वाहनों में ‘कचरा संग्रहण बैग’ रखे जाने का भी सुझाव दिया है ताकि माउण्ट को स्वच्छ और सुंदर बनाए रखे जाने के साथ ही प्रदूषण मुक्त रखा जा सके।
राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने इस संबंध में अधिकारियों को सात दिवस में कार्ययोजना प्रस्तुत करने एवं कार्यों की पाक्षिक प्रगति रिपोर्ट राज्यपाल सचिवालय को भिजवाये जाने के निर्देश दिए हैं। माउण्ट आबू प्रवास के दौरान उनसे मुलाकात करने वालों द्वारा प्रस्तुत ज्ञापनों और संज्ञान में लाये गए विभिन्न विषयों के संबंध में भी उन्होंने तत्काल आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। राज्यपाल ने पर्यावरण अनुकूल कार्यों को बढ़ावा देते हुए माउण्ट आबू पर पर्यटन के बढ़ते दबाव के प्रतिकूल प्रभावों को कम करने के लिए भी प्रभावी प्रयास किए जाने पर जोर दिया है। उन्होंने माउण्ट आबू की जैव विविधता के संरक्षण और पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन के लिए वन विभाग और प्रशासन को मिलकर कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने इसके लिए स्थानीय लोगों की भागीदारी से अभियान चलाने पर भी बल दिया है।
गोल्फ मैदान को अतिक्रमण मुक्त कराएं
राज्यपाल ने स्थानीय पोलो ग्राउण्ड के लिए राज्य सरकार द्वारा की गई विकास कार्यों की घोषणाओं की क्रियान्विति यथाशीघ्र प्रारम्भ कर निर्धारित समयावधि में काम पूरा करवाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि आबू पर्वत पर स्थित गोल्फ मैदान को अतिक्रमण से मुक्त कराकर उसका जीर्णाेद्धार किया जाये तथा अन्तर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं का आयोजन किये जाने हेतु उसे तैयार किया जाये। उन्होंने स्थानीय प्रशासन एवं रामकृष्ण मिशन के मध्य समन्वय स्थापित कर अप्रैल, 1891 में स्वामी विवेकानन्द के आबू पर्वत प्रवास की साक्षी रही ‘‘चम्पा गुफा‘‘ तपोस्थली का जीर्णोद्धार सुनिश्चित किए जाने के भी निर्देश दिए।
आबू पर्वत आने वाले वाहनों में रखवाएं ‘कचरा संग्रहण थैला
राज्यपाल श्री मिश्र ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर चलाये गये पौधारोपण सप्ताह के दौरान लगाये गए पौधों का समुचित रख-रखाव एवं उनमें खाद-पानी की व्यवस्था सुनिश्चित कर उनके संरक्षण के लिए भी निर्देश दिए। उन्होंने माउंट आबू आने वाले सभी वाहनों में आबूरोड से ही ‘कचरा संग्रहण थैला‘ रखवाये जाने के साथ ही अभयारण्य क्षेत्र एवं माउण्ट आबू में स्वच्छता बनाए रखने का सुझाव दिया है। उन्होंने आबू पर्वत पर आने वाले पर्यटकों की सुविधाओं में उन्नयन करने हेतु वाहन पार्किंग की यथोचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। राज्यपाल द्वारा निर्देश दिए गए कि आबू पर्वत पर स्थित विभिन्न मार्गों का नामकरण करने हेतु स्थानीय नागरिकों द्वारा प्रस्तुत सुझावों पर उपखण्ड अधिकारी, आबू पर्वत एवं नगर पालिका आयुक्त के साथ विचार-विमर्श कर तत्काल कार्यवाही की जाए।
जल संरक्षण के लिए चले जागरूकता अभियान
राज्यपाल ने बारिश का मौसम शुरू होने से पहले ही वर्षा जल संरक्षण की पारम्परिक जल संरक्षण संरचनाओं के रख-रखाव को सुनिश्चित किए जाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने पानी की एक-एक बूंद बचाने तथा वर्षा जल संरक्षण के लिए लोगों को विशेष रूप से जागरूक करने पर भी बल दिया।
उल्लेखनीय है कि राज्यपाल श्री मिश्र गत एक जून से माउंट आबू के ग्रीष्मकालीन प्रवास पर हैं। इस दौरान उन्होंने प्रतिदिन विभिन्न वर्गों के लोगों और आदिवासी क्षेत्र के निवासियों से भी मुलाकात कर उनकी समस्याएं जानी और उनके समाधान के लिए त्वरित निर्देश दिए।
राज्यपाल श्री मिश्र ने 2 जून को माउण्ट आबू में ही तेलंगाना स्थापना दिवस मनाया। उन्होंने आबू में निवास करने वाले तेलंगाना निवासियों से संवाद करते हुए स्थानीय स्तर पर विकास में सहभागिता का आह्वान किया। शिवगंज में 12 जून को नवनिर्मित नगरपालिका भवन का भी उन्होंने लोकार्पण किया। इस दौरान उन्होंने लोकतंत्र को मजबूत करने में नगरीय निकायों की महती भूमिका बताते हुए इनके जरिए जन अपेक्षाओं, आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए कार्य करने का आह्वान किया। माउंट आबू में आयोजित राज्य चुनाव आयोगों के सम्मेलन में भाग लेकर उन्होंने स्थानीय निकायों में आमजन की अधिकाधिक भागीदारी के जरिए लोकतंत्र को मजबूती प्रदान किए जाने का आह्वान किया।
राज्यपाल बनने के बाद श्री कलराज मिश्र का तीसरी बार माउण्ट आबू आना हुआ है। इस बार का उनका प्रवास इसलिए भी महत्वपूर्ण रहा है कि राज्य चुनाव आयुक्तों की राष्ट्रीय बैठक उनके कारण ही आबू में हुई। उन्होंने जोधपुर विश्वविद्यालय के जरिए माउण्ट आबू आदिवासी क्षेत्रों के लोगों को मिनी दाल मिल, उन्नत नस्ल कुक्कुट और बीज भंडारण की आधुनिक तकनीक से जुड़े उपकरणों का भी वितरण किया। उन्होंने इस दौरान प्रतिदिन लोगों से मुलाकात कर माउण्ट के हालात जानने के साथ ही इसके सुनियोजित विकास के लिए महती निर्देश दिए हैं।
Tara Tandi
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