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किसान कम जमीन में बागवानी कर अधिक मुनाफा कमा रहे
भरतपुर. भरतपुर जिले के भुसावर के किसान कम जमीन में बागवानी कर अधिक मुनाफा कमा रहे हैं. वे फसल काटने के लिए गोबर की खाद, मुर्गे की खाद, चमगादड़ की खाद, वर्मीकम्पोस्ट खाद का ही इस्तेमाल कर रहे हैं। पिछले साल की तुलना में इस बार पपीते की पैदावार में इजाफा हुआ है। बाजार भाव ज्यादा होने से मुनाफा भी ज्यादा रहने की उम्मीद है। इन्हें जयपुर, दिल्ली और यूपी भेजा जाता है। सबसे पहले किसान अपनी जमीन की सफाई, उसकी मिट्टी की जुताई और बीज उपचार और कटाई की खेती करने के बाद पौधे लगाते हैं।
फिर उनका पालन-पोषण और रोपण किया जाता है। बागान मालिक प्रकाश, नवल, रतन सैनी ने बताया कि बाहर से पौधे लेकर आते हैं। इससे पौधे दो-तीन माह में शीघ्र तैयार हो जाते हैं। ये शीघ्र फल भी देते हैं। किसान कम समय में अधिक और गुणवत्तापूर्ण उपज देने वाले पपीते की अगेती किस्म लगाने में लगे हैं। जामुन में पपीता, आम, छाछ, नीम, तम्बाकू के पत्ते, गाय के गोबर की खाद, मुर्गे की बीट, चमगादड़ की बीट, वर्मीकम्पोस्ट का ही प्रयोग किया जा रहा है। भुसावर की मिट्टी अधिक उपजाऊ है। यहां पैदा होने वाला पपीता जयपुर, दिल्ली, उत्तर प्रदेश आदि राज्यों में जाता है। भुसावर के पपीते की कीमत भी अधिक होती है।
(जनता से रिश्ता इस खबर की पुष्टि नहीं करता है ये खबर जनसरोकार के माध्यम से मिली है और ये खबर सोशल मीडिया में वायरलहो रही थी जिसके चलते इस खबर को प्रकाशित की जा रही है। इस पर जनता से रिश्ता खबर की सच्चाई को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं करता है)
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