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टोंक देवली मकर संक्रांति पर्व आते ही जिले में पतंग व मांझे की बिक्री में तेजी आ गई है। सरकार की रोक के बावजूद सादे मांझे की बिक्री के बीच चाइनीज बिक्री भी धड़ल्ले से हो रही है. शहर सहित देवली, निवाई, मालपुरा आदि में खुलेआम चीनी माझा नहीं बेचा जाता था, लेकिन देवली में नगर परिषद द्वारा की गई कार्रवाई में खुलासा हुआ कि प्रतिबंध के बावजूद दुकानदार चाइनीज माझा बेधड़क बेच रहे हैं. हालांकि पिछले वर्षों में शहर में चाइनीज मांझा से कोई दुर्घटना सामने नहीं आई है।
वहीं संक्रांति पर्व को लेकर शहर सहित जिले में पतंग व मांझे की दुकानें सज गई हैं. शहर में करीब 50 पतंग व मांझे की दुकानें हैं। शहर के मुख्य बाजार स्थित तख्ता क्षेत्र के सामने पतंग की दुकान चलाने वाले मुकेश गर्ग ने बताया कि जिले में करीब 200 दुकानें होंगी. यहां 2 रुपए से लेकर 100 रुपए तक की पतंगें मिलती हैं। इसी तरह 10 रुपये से लेकर 100 रुपये तक की चरखी बिक रही है। उन्होंने बताया कि प्रशासन का चाइनीज मांझा नहीं बेचने का निर्देश है ऐसे में भारतीय मांझा 500 से 800 रुपये तक बिक रहा है.
नगर निगम प्रशासन ने तीन जगहों पर कार्रवाई करते हुए 24 से अधिक चरखी जब्त की हैं. कार्यपालक पदाधिकारी सुरेश कुमार मीणा ने बताया कि पतंगबाजी के दौरान किसी प्रकार की दुर्घटना न हो इसके लिए नगर पालिका सतर्क है. तीनों वेंडरों के खिलाफ कार्रवाई कर उन्हें प्रतिबंधित कर दिया गया है। भविष्य में भी यदि कहीं और इस मांझे की बिक्री होती पाई गई तो नगर पालिका द्वारा सख्त कार्रवाई की जाएगी। टोंक अनुमंडल पदाधिकारी गिरधर ने बताया कि फिलहाल चाइनीज माझा की बिक्री की कोई सूचना नहीं मिली है. फिर भी नगर परिषद को जांच कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।
HARRY
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