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जोधपुर। आज के समय में यूट्यूब एक ऐसा प्लेटफार्म है, जिसका इस्तेमाल लगभग सभी लोग करते हैं। स्टूडेंट इसका इस्तेमाल कोई इंजीनियर तो कोई डॉक्टर बन गया है। इस बीच यूट्यूब से सीखकर चोरी करने का मामला राजस्थान में सामने आया है। दरअसल, यूट्यूब से चोरी करने का हुनर सीखकर एक व्यक्ति ने अपना गिरोह बना डाला। इस गिरोह ने एक दो नहीं बल्कि कई चोरी की वारदात को अंजाम दे डाला। जोधपुर में रेलवे में चोरी का एक ऐसा मामला सामने आया, जिस पर यकीन कर पाना मुश्किल है। जोधपुर की भगत की कोठी रेलवे स्टेशन की रेलवे पुलिस फोर्स (आरपीएफ) चोरी करने वाली गैंग का पर्दाफाश करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जब पुलिस ने उनसे पूछा की चोरी करने का आइडिया कहां से आया तो चोरों ने कहा कि उन लोगों ने यूट्यूब वीडियो देख-देखकर चोरी करना सीखा था। भगत की कोठी रेलवे स्टेशन की आरपीएफ पुलिस ने एक ऐसे चोर गिरोह को पकड़ा है जो रेलवे की इलेक्ट्रॉनिक लाइन के तार चुराता था। रेलवे की लाइन को काटने के बाद में इसे कबाड़ी में बेचता था।
आरपीएफ भगत की कोठी के प्रभारी सुभाष विश्नोई ने बताया कि हाल ही में जोधपुर से मारवाड़ सेक्शन में इलेक्ट्रॉनिक लाइन का काम शुरू हुआ था। इस लाइन में 25 हजार केवी की बिजली रहती है। 7 अप्रैल को भी इस गिरोह ने रात करीब 2:00 बजे पाली से बोमादड़ा के बीच 25 हजार किलोवाट इलेक्ट्रॉनिक लाइन से वायर को काटा तो इससे रेल सेवा ठप हो गई। इलेक्ट्रिक इंजन वहीं रुक गए। ऐसे में लगभग ढाई घंटे तक एक दर्जन ट्रेनें प्रभावित रहीं। ट्रेन रूकने से रेलवे प्रशासन में हड़कंप मच गया।
मामले की जांच के बाद इलेक्ट्रॉनिक लाइन से वायर कटे हुए मिले। मामले की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त अनुराग मीणा और सहायक सुरक्षा आयुक्त घनश्याम मीणा के निर्देशन में टीम का गठन किया। घटनास्थल के पास बबूल के जंगल में सर्च आपरेशन चलाया। जहां पुलिस को आरोपियों द्वारा चोरी में उपयोग किए सामना नया बास, दो नग प्लास व एक बोल्ट कटर झाड़ियों में छुपाया हुआ मिला। साथ ही आरोपियों ने चोरी के बाद ओएचई वायर टुकड़े मिले। इसके बाद पुलिस टीम ने चोरों को पकड़ने के लिए प्लान बनाई। वायर चुराने के बाद यह गिरोह वापस इसे लेने के लिए जरूर आता है। ऐसे में चोरों को पकड़ने के लिए आरपीएफ के पुलिसकर्मी आसपास छुप गए। शनिवार शाम करीब 6 बजे गिरोह के लोग जंगल में वायर लेने आए। बाइक पर वायर रख कर जब वे चलने लगे तो आरपीएफ की टीम ने उन्हें पकड़ लिया। इसके बाद उन्हें भगत की कोठी स्थित आरपीएफ थाने लाया गया।पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने पहले भी ऐसी वारदातें करना कबूल की। इस गिरोह ने भी करीब 30 लाख रुपए से ज्यादा की कीमत का वायर चुराया था। क्राइम ब्रांच इंचार्ज कंवरलाल विश्नोई ने बताया कि गिरोह ने चोरी करने से पहले यूट्यूब पर सर्च किया था कि इलेक्ट्रिक लाइन से वायर कैसे काटा जाता है। इस लाइन में कितना करंट होता है। करंट से कैसे बचें। इलेक्ट्रिक कटर को कैसे काम में लें। इसके अलावा इलेक्ट्रिक वायर की बाजार में कितनी कीमत है और इसे कहां पर बेच सकते है आदि पूरी जानकारी बदमाशों ने यूट्यूब पर सर्च की।
गिरोह को गिरफ्तार करने के बाद जब रेलवे पुलिस फोर्स ने इनसे पूछताछ की तो कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई। गिरोह ने चोरी करने के लिए नए और लंबे बांस पर स्टोन कटर बांधा। इसके बाद वायर काटने के लिए कटर पर बैटरी लगाई। कटर के स्विच को तार से जोड़कर नीचे तक लाए और फिर कटर को चालूकर वायर काट दिए।3
आरपीएफ (रेलवे पुलिस फोर्स) की टीम के प्रभारी सुभाष विश्नोई के साथ क्राइम ब्रांच इंचार्ज कंवर लाल बिश्नोई, एसआई लिखमाराम, एएसआई भोमाराम, कॉन्स्टेबल भंवर लाल, भीमराज बलराम और लेखराज ने कार्रवाई करते हुए गिरोह के 4 सदस्यों सहित माल खरीदने वाले कबाड़ी को भी शनिवार को गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए आरोपियों में हरखाराम जाट (32) पुत्र पूनमाराम, रमजान उर्फ साहिल (27) पुत्र दिलदार खान, फारूख (26) पुत्र शेरू खान परमात्मा चौहान (22) पुत्र बेजू चौहान और मुकेश खटीक (28) पुत्र टीकमचंद को गिरफ्तार किया है। फिलहाल, पुलिस आरोपियों से पूछताछ की जा रही है।
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