राजस्थान

शिक्षा नीति 2020 के तीन वर्ष पूरे होने पर केंद्रीय विद्यालय में शिक्षा पर हुआ विचार-विमर्श

Shantanu Roy
30 July 2023 10:26 AM GMT
शिक्षा नीति 2020 के तीन वर्ष पूरे होने पर केंद्रीय विद्यालय में शिक्षा पर हुआ विचार-विमर्श
x
प्रतापगढ़। प्रतापगढ़ राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के 3 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर केन्द्रीय विद्यालय प्रतापगढ़ में प्राचार्य केन्द्रीय विद्यालय बांसवाड़ा उमाशंकर विजय के नेतृत्व में प्रेस वार्ता आयोजित की गई। प्राचार्य केन्द्रीय विद्यालय बांसवाड़ा ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस शिक्षा नीति में प्रवेश आयु का पुनः सर्वेक्षण, विशेषज्ञ पहल, कौशल विषय, बाल वाटिका 3 एवं विद्यांजलि की शुरूआत जैसे विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला गया है। इसके साथ ही मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी प्रतापगढ़ प्रहलाद चंद्र पारीक द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस नीति में कक्षा 1 से 5 तक के विद्यार्थियों को सरल तरीके से अपनी मातृभाषा में शिक्षा प्रदान की जाएगी। बताया गया कि राजस्थान के मॉडल स्कूलों में प्री-प्राइमरी स्कूल भी शुरू किये जा रहे हैं। इस नीति के सफल कार्यान्वयन के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
जवाहर नवोदय विद्यालय प्रतापगढ़ की प्राचार्य मंजुलता ने बताया कि प्रत्येक विद्यार्थी में कुछ विशिष्टता होती है, जिसे विकसित करने की पहल इस नीति के माध्यम से की जा रही है। अंत में केन्द्रीय विद्यालय प्रतापगढ़ के प्रभारी प्राचार्य माधव सिंह पंवार ने केन्द्रीय विद्यालयों में इस शिक्षा नीति के सफल क्रियान्वयन के प्रयासों की जानकारी दी तथा आये हुए शिक्षाविदों का आभार व्यक्त किया। राजस्थान में शिक्षकों की विभिन्न समस्याओं को लेकर ऑनलाइन बैठक हुई। महामंत्री विपिन जैन ने बताया कि बैठक में राजस्थान के शिक्षकों की विभिन्न समस्याओं के क्रम में बैठक की गई। इसमें विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की गई। राजस्थान शिक्षक संघ एकीकृत की सदस्यता में अधिक से अधिक शिक्षक साथियों को जोड़ा जाएगा। राजस्थान के प्रत्येक जिले में हरित क्रांति के रूप में राजस्थान शिक्षक संघ एकीकृत के बैनर तले वृक्षारोपण की जिम्मेदारी प्रत्येक जिलाध्यक्ष एवं प्रदेश पदाधिकारी को सौंपी गई। जिसमें 501 पौधा प्रत्येक जिले से लगाए जाएंगे। जिसकी देखरेख सुरक्षा का जिम्मा पदाधिकारी रखेंगे। सदस्य शुल्क विकास शुल्क के बारे में चर्चा की गई । महिला शक्ति की भागीदारी अधिक से अधिक हो एवं नारी शिक्षा के ऊपर एवं उनके उत्थान के लिए शिक्षक संघ एकीकृत बढ़-चढ़कर के कार्य करेगा। उप प्रधानाचार्य की पदोन्नति होने पर भी उन्हें नियुक्ति न देना सरासर अन्याय है।
Next Story