राजस्थान

इंटर आपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम पर रोड मैप बनाकर मिशन मोड में काम करें -मुख्य सचिव

Tara Tandi
6 Jun 2023 11:26 AM GMT
इंटर आपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम पर रोड मैप बनाकर मिशन मोड में काम करें -मुख्य सचिव
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मुख्य सचिव श्रीमती ऊषा शर्मा ने निर्देश दिए कि आई सी जे एस को प्रदेश में पूरी तरह से लागू करने के लिए फोकस तरीके से रोड मैप बनाकर काम करना सुनिश्चित करें।
मुख्य सचिव मंगलवार को यहां शासन सचिवालय में आयोजित इंटर आपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम (आईसीजेएस) क्रियान्वयन के लिए गठित नियमित मॉनिटरिंग समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रही थी।
इस अवसर पर मुख्य सचिव ने कहा कि आई सी जे एस पोर्टल एक बहुत ही उपयोगी और महत्वपूर्ण पोर्टल है जिस पर अपराध और अपराधियों के विषय में एक ही जगह पर सारी जानकारी उपलब्ध हो जाती है। उन्होंने कहा कि आई सी जे एस पोर्टल राजस्थान में अन्य राज्यों की अपेक्षा अच्छा काम कर रहा है।
इस अवसर पर एनआईसी दिल्ली के उपमहानिदेशक (वैज्ञानिक) श्री शशिकांत शर्मा ने देश में आई सी जे एस की वर्तमान स्थिति और भविष्य के रोड मैप पर प्रस्तुतिकरण के माध्यम से विस्तार से जानकारी दी। बैठक में आई सी जे एस स्टेट लेवल कमिटी के सदस्य सचिव और महा निरीक्षक पुलिस स्टेट क्राईम रिकॉर्ड ब्यूरो श्री शरद कविराज ने राजस्थान में आई सी जे एस पोर्टल की वर्तमान स्थिति और चुनौतियों के विषय में अवगत कराया।
बैठक में गृह विभाग के प्रमुख शासन सचिव आनंद कुमार, निदेशक अभियोजन श्री रवि शर्मा, निदेशक फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला डॉ अजय शर्मा, गृह विभाग के शासन सचिव श्री वी श्रवण कुमार एवं विशिष्ट सचिव गृह श्री विश्व मोहन शर्मा, महानिदेशक पुलिस राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो डॉ रवि प्रकाश, वित्त विभाग के शासन सचिव श्री नरेश ठकराल और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, जेल श्रीमती मालिनी अग्रवाल सहित कई अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया
उल्लेखनीय है कि इंटर आपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम अदालतों और फॉरेंसिक प्रयोगशालाओं के बीच डाटा विनिमय के माध्यम से त्वरित न्याय की सुविधा के लिए तैयार किया गया पोर्टल है। आई सी जे एस मुख्य रूप से न्याय वितरण प्रणाली में सुधार के लिए अदालत, पुलिस, जेल और फॉरेंसिक प्रयोगशालाओं के डाटा को आपस में जोड़ कर एक ऑनलाइन एकीकृत प्रबंधन सूचना प्रणाली की पेशकश करता है। इसके तहत सभी हितधारकों के पास विभिन्न सॉफ्टवेयर अनुप्रयोगों में उपलब्ध डाटा तक ऑनलाइन और त्वरित पहुंच होगी जिससे संबंधित विभागों के बीच दस्तावेजों या सूचनाओं के आदान-प्रदान में लगने वाले समय को कम किया जा सकेगा। साथ ही अपराधों में भी कमी लाई जा सकेगी और अपराधियों के बारे में एक क्लिक में कोई भी जानकारी प्राप्त हो सकेगी।
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