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जोधपुर। जोधपुर में सिलेंडर ब्लास्ट वाले मामले में मरने वालों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। महात्मा गांधी अस्पताल में इलाज के दौरान दो और लोगों की मौत हो गई। इसमें 5 साल का एक बच्चा और 16 साल का एक किशोर शामिल हैं। आपको बता दें कि आज तड़के ही इलाज के दौरान एक और मौत होगई थी और कल हादसे के दौरान दो बच्चों की मौत हो गई थी। अब मौतों की संख्या बढ़कर 7 हो गई थी।सीएम अशोक गहलोत ने आज जोधपुर सिलेंडर ब्लास्ट में घायल हुए लोगों से मिलने महात्मा गांधी अस्पताल पहुंचे। उन्होंने यहां कहा कि इस घटना में कांस्टेबल डूंगर सिंह ने काबिलेतारीफ काम किया है, उन्होंने वारदात वाली जगह से एक सिलेंडर को खींच लिया, वरन् दूसरे सिलेंडरों में आग पकड़ सकती थी और इससे भी बड़ा हादसा हो सकता था। गहलोत ने कहा कि मैंने डीजी से कांस्टेबल के प्रमोशन के लिए सिफारिश की है। इससे दूसरे पुलिस कर्मियों का भी मनोबल बढ़ेगा और वो जन सुरक्षा में इसतरह के काम करने के लिए उत्साहित होंगे।
गहलोत ने कहा कि यह घटना बेहद दुखद है। मैंने कलेक्टर से बात की है कि जिस कंपनी या एजेंसी यह सिलेंडर आए थे। उनसे वे बात करें कि वे भी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पीड़ित लोगों की मदद करें। साथ ही इसकी भी कहें कि जहां से ये सिलेंडर आते हैं वह एजेंसी इनके मेंटिनेंस को लेकर कैसा और क्या काम कर रही है कि ऐसे हादसे हो रहे हैं। इसकी जांच के आदेश दे दिए गए हैं। क्योंकि सिलेंडरों की मेंटिनेंस अगर ठीक से नहीं होगी तो इस तरह के हादसे होंगे। इसलिए इन्हें रोकना बहुत जरूरी है।
गहलोत ने कहा कि हमारी सरकार की प्राथमिकता है कि मरीजों की जांच कैसे बचाई जाए क्योंकि हर एक जान कीमती है। हमने महात्मा गांधी अस्पताल प्रशासन और डॉक्टर्स से बात की है कि अगर जरूरत पड़े तो जयपुर से घायलों के इलाज के लिए जयपुर से स्पेशल टीम बुलाई जाएगी। गहलोत ने कहा कि घाय़लों का फ्री में इलाज हो रहा है, हमने मुआवजे की भी घोषणा कर दी है। इसमें मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपए और घायलों को 1 लाख रुपए चिरंजीवी फंड से दिए जाएंगे। इसके अलावा मुख्यमंत्री राहत कोष से भी मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपए और घायलों को 1 लाख रुपए दिए जाएंगे।
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