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जयपुर। मां की मौत के लिए 6 साल तक अकेले सिस्टम से लड़ने वाली लड़की। आरोपी को जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया गया। यह आरोपी बच्ची का पिता था। यह कहानी उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर की रहने वाली लतिका बंसल (21) की है। जो शनिवार को जयपुर में आयोजित 'वी द वुमन' फेस्टिवल में बोलीं। बच्ची की यह कहानी सुनकर पूरा सभागार स्तब्ध रह गया। जयपुर के क्लार्क आमेर में महिला दिवस पर आयोजित इस महोत्सव में देश की अनेक महिलाओं व बालिकाओं ने मंच के माध्यम से अपने जीवन के संघर्ष व सफलता की कहानी सुनाई। इनमें से एक कहानी लतिका की भी थी।
लतिका ने बताया कि 14 जून 2016 की सुबह थी, जब चिल्लाने की आवाज से उसकी (15 वर्ष) और उसकी छोटी बहन (10 वर्ष) की नींद खुली। उसने कमरे की खिड़की से देखा तो सामने उसकी मां जिंदा जल रही थी और पास में उसके पिता खड़े थे। मां की चीख सुनकर दोनों बच्चियां डर गईं और यह सब किसी और की नहीं बल्कि उनके पिता की करतूत थी।लतिका ने भास्कर से बातचीत में बताया कि हमारा एक सामान्य परिवार था। पिता मनोज बंसल प्राइवेट नौकरी करते थे। पिता शराब के आदी थे, जिससे घर में हमेशा पैसों की तंगी बनी रहती थी।
हमारी जरूरतें पूरी करने के लिए हमारी मां दिन-रात कपड़े सिलती थी। इसके बाद भी पिता रोज शराब पीकर गाली देते और हमारे सामने मारपीट करते थे।कारण हमारा भाई नहीं होना था। पापा घर में एक लड़का चाहते थे, लेकिन वह हमारे दो लड़कियों के होने से खुश नहीं थे। जिससे उसने उस दिन मां को जिंदा जला दिया था। मां की मौत के बाद जब हमने पुलिस और प्रशासन से शिकायत की तो किसी ने हमारी नहीं सुनी। लतिका ने बताया कि शुरू में पुलिस ने कई दिनों तक रिपोर्ट दर्ज नहीं की। क्योंकि पिता के परिवार में चाचा-चाचा बहुत प्रभावशाली थे, जिनके बड़े नेताओं से संपर्क थे। बड़े पुलिस अधिकारी और नेता उनके घर आते-जाते थे।
उल्टा हम पर केस वापस लेने का दबाव बनाया गया। उसके बाद अधिवक्ता संजय शर्मा ने हमारी मदद की और उन्होंने ही हमारा केस लड़ा। जिस उम्र में बच्चे पार्क, मॉल, सिनेमाघर जाते थे, उस उम्र में मैं और मेरी छोटी बहन कोर्ट, पुलिस स्टेशन, डीएम और एसपी ऑफिस जाते थे। मेरी छोटी बहन ने कोर्ट में खड़े होकर मेरे पिता के खिलाफ बयान दिया। करीब 6 साल के लंबे संघर्ष के बाद आखिरकार 27 अगस्त 2022 को हमें सेशन कोर्ट से न्याय मिला और पिता को उम्रकैद की सजा सुनाई।लेकिन मैं चाहता हूं कि वे उस दर्द को महसूस करें जिस तरह उन्होंने मेरी मां को जीवन भर प्रताड़ित किया और आखिरकार उन्हें इतनी दर्दनाक मौत दी। यदि आजीवन कारावास से कठोर कोई दण्ड हो तो वह उसे प्राप्त कर सकता है।
लतिका ने बताया- सेशन कोर्ट से सजा मिलने के बाद पिता के घरवालों ने मेरे, मेरी बहन और मेरी दादी, मामा के खिलाफ मुरादाबाद थाने में धमकी देने और गलत बातें फैलाने का केस दर्ज कराया है। इससे रोज वहां से पुलिस हमारे घर आती है और हमें परेशान करती है। हमने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने का अनुरोध किया है, लेकिन हमें समय नहीं मिल रहा है। इसके अलावा पिता को आजीवन कारावास से बचाने के लिए उनके परिजनों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की है, जहां हमारा केस चल रहा है।
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