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बीकानेर। तकनीक द्वारा दी जा रही सुविधाओं के बीच भी कम भ्रम नहीं है। बीकानेर समेत पूरे प्रदेश में साइबर क्राइम बढ़ने का कारण तकनीक है। बीकानेर में भी हैकिंग, साइबर स्टाकिंग, चाइल्ड पोर्नोग्राफी, सॉफ्टवेयर पायरेसी, क्रेडिट कार्ड फ्रॉड, वायरस ट्रांसमिशन जैसी अवैध गतिविधियां बढ़ रही हैं। ऐसे में माता-पिता को अपने बच्चों पर विशेष नजर रखने की जरूरत है।
बीकानेर के सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज में साइबर क्राइम पर आयोजित सेमिनार में यह बात सामने आई। रेंज इंस्पेक्टर ओम प्रकाश पासवान ने कहा कि बीकानेर पुलिस ने कई नवाचार किए हैं। साइबर रिस्पांस टीम का गठन किया गया है। इतना ही नहीं साइबर पेट्रोलिंग टीम का भी गठन किया गया है। बीकानेर एसपी योगेश यादव ने कहा कि जनता में जागरूकता पैदा करके ही साइबर क्राइम को रोका जा सकता है। एक बार अपराध हो जाने के बाद उसे पकड़ना एक बड़ी चुनौती होती है। अपराधी देश ही नहीं विदेश में भी हो सकते हैं। आम आदमी को किसी भी सूरत में अपना डाटा ट्रांसफर नहीं करना चाहिए। ओटीपी किसी से शेयर न करें। संभागायुक्त नीरज के पवन ने भी विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि आम आदमी में जागरूकता पैदा करने की जरूरत है। इस दौरान संभाग में साइबर क्राइम को रोकने के लिए अच्छा कार्य करने वाले पुलिसकर्मियों को सम्मानित भी किया गया। इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी के सचिव विजय खत्री ने कहा कि जैसे-जैसे हम डिजिटल दुनिया में बढ़ रहे हैं, वैसे-वैसे साइबर क्राइम भी तेजी से बढ़ रहा है.
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