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कोटा। 10 फीट लंबा मगरमच्छ नदी किनारे शिकार की तलाश में था। जैसे शिकार उसकी रेंज में आया। वो दबे पांव नदी में से निकला। फिर मौका देखकर शिकार पर हमला किया। लेकिन एक चूक से असफल रहा। और शिकार मौके से भाग गया।घटना कोटा के चंदलोई नदी की। वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर आदिल सैफ ने मगरमच्छ के ऊंट पर हमला करने की लाइव तस्वीर अपने कैमरे में कैद की है। आदिल ने बताया कि बुधवार को दोपहर तीन बजे करीब हनुमतखेड़ा स्थित चंद्रलोई नदी पर गए थे। नदी के किनारे बैठकर फोटोग्राफ खींच रहे थे। नदी का दूसरा छोर करीब 30 फिट दूरी पर है। वहां से भारी भरकम मादा मगरमच्छ पानी से बाहर निकली। उसी दौरान नदी किनारे दो ऊंट पेड़ की डाली से पत्ते खा रहे थे। उन्हें मगरमच्छ के आसपास होने का अंदाजा नहीं था। मादा मगरमच्छ दबे पांव ऊंट के करीब गई। थोडा इंतजार किया,फिर मौका देखकर ऊंट पर हमला कर दिया। अचानक हुए हमले से ऊंट घबरा गया। उसने अपने पैर उछाल दिया। मगरमच्छ के दांत ऊंट के पैर के लगे। ऊंट ने खुद का बचाव करते हुए दौड़ लगाई। मगरमच्छ के शिका हाथ नहीं आया।
आदिल ने बताया कि ये नदी मानस गांव से होते हुए चंबल नदी में मिलती है। चंद्रलोई नदी में करीब 500 से 700 मगरमच्छ है। नदी किनारे खेत व जंगली पेड़ पौधे उगे है। अक्सर इस इलाके में मगरमच्छ के हमले की खबरें सामने आती रहती है। नदी किनारे मगरमच्छ ने अंडे दे रखे है। रेत में खड्डा कर अपना खोंसला बनाती है। मादा मगरमच्छ गर्मियों के मौसम में एक बार में 46 अंडे देती है। अंडे से निकलने वाले बच्चों का लिंग टेंपरेचर पर निर्भर करता है। मगरमच्छ 1 साल तक बच्चे की रक्षा करते हैं। बच्चे कीड़ों व छोटी मछली को खाते हैं। साथ ही पक्षी, स्तनधारी जीवों का शिकार करते हैं।
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