राजस्थान

7 साल तक सजा के मामलों में निर्देशों का पालन नहीं करने पर की जाएगी अवमानना की कार्रवाई

Harrison
5 Oct 2023 9:16 AM GMT
7 साल तक सजा के मामलों में निर्देशों का पालन नहीं करने पर की जाएगी अवमानना की कार्रवाई
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राजस्थान | सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले की अनुपालना में राजस्थान हाईकोर्ट ने सात साल तक की सजा वाले मामलों में आरोपियों की गिरफ्तारी और हिरासत के संबंध में राज्य की सभी अदालतों और पुलिस को आवश्यक निर्देश जारी किए हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में अरनेश कुमार बनाम बिहार के मामले में निर्देश दिया था, लेकिन पालन नहीं होने के कारण सुप्रीम कोर्ट ने 2023 में मोहम्मद अशफाक आलम बनाम झारखंड के मामले में एक बार फिर निर्देश जारी किया. सात साल या उससे कम सजा वाले मामले में केस दर्ज होने पर गिरफ्तारी और हिरासत के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के फैसले में जारी दिशा-निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा. सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन नहीं करने पर हाई कोर्ट पुलिस अधिकारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के साथ अवमानना की कार्रवाई भी कर सकता है. यदि मजिस्ट्रेट रिकॉर्ड पर कारण दर्ज किए बिना हिरासत में लेने की अनुमति देता है तो विभागीय कार्रवाई की जा सकती है।
फैसले के मुताबिक, पुलिस आरोपियों को बेवजह गिरफ्तार नहीं करेगी। मजिस्ट्रेट लापरवाही या यांत्रिक हिरासत को भी अधिकृत नहीं करेगा। आईपीसी की धारा 498ए के तहत मामला दर्ज होने पर गिरफ्तारी करें, लेकिन निर्धारित मापदंडों का पालन करना जरूरी होगा. पुलिस को गिरफ्तारी का अधिकार दिया गया है, उसमें भी पुलिस केस दर्ज होने के बाद गिरफ्तारी के लिए निर्धारित चेक लिस्ट की पूरी जानकारी देगी और फिर उसे मजिस्ट्रेट के सामने पेश करेगी.
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